गुजरात में भरूच के चंचवेल गांव में 25 ऊंटों की मौत के बाद मामला गरमाया : लोगों ने कहा नल से जल योजना का कोई फायदा नहीं हुआ , न तो गांव में नल पहुंचा है और न ही पानी.

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH गुजरात में भरूच के चंचवेल गांव में 25 ऊंटों की मौत के बाद मामला गरमा गया है. यह घटना 22 मई की हैपशुपालन विभाग के अनुसार पशुओं की मौत के लिए पानी की कमी जिम्मेदार है, जबकि पर्यावरणविदों के अनुसार इस घटना के लिए प्रदूषण जिम्मेदार है, जिसके कारण ‘न केवल जानवर बल्कि स्थानीय लोग भी साफ पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.’

स्थानीय लोगों को कहना है कि नल से जल योजना का कोई फायदा नहीं हुआ है, न तो गांव में नल पहुंचा है और न ही पानी. ऊंटों की मौत के बाद स्थानीय लोग काफी गुस्से में हैं. 25 ऊंटों को खोने वाले रहमान भाई ने कहा कि इसके अलावा उनके पांच ऊंट अभी तक नहीं मिले हैं.

उन्होंने कहा, “हम ऊंटों को एक जलाशय में ले जा रहे थे, लेकिन ऊंटों को बहुत प्यास लगी थी और रास्ते में रसायनों से भरा एक क्षेत्र था, जहां ऊंटों ने इसे पानी समझकर उसमें घुसना शुरू कर दिया और वहां मौजूद पानी को पी लिया.”

“थोड़ा आगे बढ़ने पर एक-एक करके 25 ऊंट मर गए, पानी पीने के बाद कई ऊंट झुलसने लगे, कुछ दर्द के मारे भागने लगे. तब हमें पता चला कि यह केमिकल के कारण हुआ है. एक डॉक्टर को बुलाया गया और उन्होंने ऊंटों को कुछ दवा दी जिसके बाद कुछ को बचाया जा सका.”

अब देखना ये है कि गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भरूच इस दिशा मे क्या काम करता है l

उन्होंने कहा, “रासायनिक पदार्थ असल में ओएनजीसी का कच्चा तेल था, जो एक पाइपलाइन रिसाव के कारण निकला था. हमने जरूरी कार्रवाई की है और कानून के प्रावधानों के अनुसार दंडित किया है.”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button