मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक का मामला: पूर्व मुंबई पुलिस अधिकारी ने
मुंबई: मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटकों से लदी कार की बरामदगी और उसके बाद व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में आरोपी पूर्व पुलिसकर्मी सुनील माने ने मंगलवार को एक विशेष अदालत से सरकारी गवाह बनने की अपनी याचिका को वापस ले लिया. इससे पहले जनवरी माह में, माने ने अदालत को भेजे गए एक हस्तलिखित आवेदन में कहा था कि उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया है. इसलिए अदालत को पुलिस करियर में उनके ‘उत्कृष्ट रिकॉर्ड’ पर विचार करना चाहिए और उन्हें 2021 में क्षमादान देकर ‘अपनी गलती का पश्चाताप’ करने का मौका देना चाहिए.
हालांकि, मंगलवार को सुनील माने ने विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत से कहा कि वह सरकारी गवाह नहीं बनना चाहेंगे और अपनी याचिका लेना चाहते हैं. ऐसे में अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया. बाद में, माने ने कहा कि वह अपने मामले की पैरवी करना चाहते हैं, क्योंकि उनके पास कानून की डिग्री है, और अदालत ने उनका अनुरोध मान लिया.
इस मामले में हाल ही में नवी मुंबई में तलोजा जेल के अधिकारियों ने मुख्य आरोपी सचिन वाज़े, जो एक पूर्व पुलिस अधिकारी भी हैं, द्वारा दुर्व्यवहार के बारे में अदालत में शिकायत की. उन्होंने दावा किया कि 23 अप्रैल को वाजे जेल में बेहोश हो गया और उल्टी करने लगा. जब जेल अधिकारियों ने उनसे जेल के अस्पताल में भर्ती होने का अनुरोध किया, तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और डॉक्टरों से उच्च सुरक्षा बैरक के अंदर उनका इलाज करने पर जोर दिया.हालांकि, वाजे ने दावे का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने भर्ती होने से कभी इनकार नहीं किया और जानना चाहते थे कि जेल अस्पताल में उनकी खतरे की धारणा और अस्वच्छ स्थितियों को देखते हुए उन्हें क्यों स्थानांतरित किया जा रहा है. 25 फरवरी, 2021 को दक्षिण मुंबई में अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटक से लदी एसयूवी मिली थी. इस एसयूवी का मालिक व्यवसायी मनसुख हिरन था, जिसका कहना था कि गाड़ी चोरी हो गई थी. 5 मार्च, 2021 को ठाणे में एक नाले में हिरन मृत पाया गया था. बर्खास्त पुलिस अधिकारी वाजे उस मामले का मुख्य आरोपी है, जिसमें कुछ और पुलिस वाले के साथ आरोपों का सामना कर रहे हैं.