इस दिन मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा, जानिए मनाने का महत्व यहां
बुद्ध पूर्णिमा गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के अवसर पर मनाई जाती है. इस दिन संसार के कोने-कोने में रहने वाले बुद्ध के अनुयायी व बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग गौतम बुद्ध की पूजा करते हैं. हर साल वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन ही बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है. इस साल 5 मई के दिन बुद्ध पूर्णिमा पड़ रही है. बुद्ध पूर्णिमा से गौतम बुद्ध के जीवन की कहानी जुड़ी हुई है. सिद्धार्थ गौतम का जन्म शाक्य कुल के राजा व रानी सुधोधन व माया के घर हुआ था.
सिद्धार्थ गौतम (Siddhartha Gautam) के जन्म पर यह भविष्यवाणी हुई कि बड़े होने के बाद वे बड़े शासक बनेंगे या फिर साधू बनेंगे. अपने पुत्र को खोने के डर से गौतम बुद्ध के पिता ने उन्हें संसार की असलियत से 29 सालों तक दूर रखा. अपने महल के बाहर पहली बार कदम रखने पर गौतम बुद्ध को एक बूढ़ा आदमी, एक बीमार आदमी और एक मृत आदमी दिखा. गौतम बुद्ध जिंदगी के दुख-दर्द को समझ गए और ज्ञान अर्जित करने के लिए अपनी पुरानी जिंदगी को पीछे छोड़ ध्यान करने निकल गए.
गौतम बुद्ध को बोधी पेड़ के नीचे ही ज्ञान या निर्वाण की प्राप्ति हुई. इससे बाद की जिंदगी गौतम बुद्ध ने जगह-जगह यात्रा कर और लोगों को निर्वाण समझाते हुए बिताई और 80 वर्ष की उम्र में दुनिया से चले गए.
बुद्ध पूर्णिमा मनाने के मकसद की बात करें तो बौद्ध धर्म शांति (Peace), अहिंसा और एकता के सिद्धांत पर आधारित है. यह दिन जन्म और मृत्यू से पार पा चुके गौतम बुद्ध के सम्मान के लिए मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन मंदिरों और बौद्ध मठों में पूजा और ध्यान आदि भी होता है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन एक बर्तन में पानी और फूल भरकर बुद्ध के समक्ष रखा जाता है. श्रद्धालु इस दिन शहद, मोमबत्ती, फल और फूल अर्पित करते हैं. कई देशों में मुक्ति के भाव को प्रकट करने के लिए श्रद्धालु पिंजरे में कैद चिड़िया, जानवरों और कीड़े-मकौड़ों को आजाद भी करते हैं.