पैन-आधार पर सरकार का बड़ा फैसला, सुकन्या, PPF जैसी योजनाओं पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली. सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) जैसी छोटी बचत योजनाओं पर सरकार का एक अहम फैसला आया है। दरअसल, सरकार ने इस तरह की डाकघर योजनाओं में निवेश करने के लिए पैन और आधार कार्ड को अनिवार्य कर दी है। आपको बता दें कि पहले आधार के बिना भी निवेश किया जा सकता था। 

क्या कहा सरकार ने: वित्त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक छोटी बचत योजनाओं में निवेश के लिए आधार नंबर या आधार नामांकन पर्ची अनिवार्य होगी। यदि डाकघर योजनाओं में खाता खोलते समय व्यक्ति के पास आधार संख्या उपलब्ध नहीं है, तो उसे आधार संख्या के लिए नामांकन पर्ची का प्रमाण देना होगा। इसके अलावा खाताधारक को खाता खोलने की तारीख से छह महीने के भीतर आधार नंबर देना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो अपने खाते में आप निवेश नहीं कर पाएंगे। नोटिफिकेश में आगे कहा गया है कि पैन या फॉर्म 60 निवेश खाता खोलते समय जमा करना होगा। यदि खाता खोलते समय पैन जमा नहीं किया गया है, तो इसे कुछ खास स्थिति में दो महीने के भीतर जमा करना होगा।

छोटी बचत योजनाओं पर हुआ फैसला: बता दें कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए ज्यादातर छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। कुछ बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 0.1 प्रतिशत से 0.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

-राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) योजना पर एक अप्रैल से 30 जून, 2023 के लिए अब 7.7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, जो अबतक 7.0 प्रतिशत था।

-बालिकाओं के लिए छोटी बचत योजना सुकन्या समृद्धि के लिए ब्याज 7.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया गया है।

-वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत और और किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिए 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत किया गया है। किसान विकास पत्र अब 120 महीनों के बजाए 115 महीनों में परिपक्व होगा। 

-मासिक आय योजना पर ब्याज 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है।

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