हिन्दूफोबिया के खिलाफ आगे आया यह अमेरिकी देश, प्रस्ताव किया पास
जॉर्जिया की असेंबली ने हिंदूफोबिया की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। जिससे यह इस तरह का विधायी उपाय करने वाला पहला अमेरिकी राज्य बन गया है। हिंदूफोबिया और हिंदू-विरोधी कट्टरता की निंदा करते हुए, प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदू धर्म दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने धर्मों में से एक है। जिसके 100 से अधिक देशों में 1.2 बिलियन से अधिक अनुयायी हैं। इसमें आपसी सम्मान और शांति के मूल्यों के साथ विविध परंपराओं और विश्वास प्रणालियों की एक श्रृंखला शामिल है।
जॉर्जिया अमेरिका में सबसे बड़े हिंदू और भारतीय-अमेरिकी प्रवासी समुदायों में से एक राज्य है। जॉर्जिया की असेंबली में यह प्रस्ताव फोर्सिथ काउंटी के प्रतिनिधि लॉरेन मैकडॉनल्ड और टॉड जोन्स द्वारा पेश किया गया था। प्रस्ताव में कहा गया है कि चिकित्सा, विज्ञान और इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, आतिथ्य, वित्त, शिक्षा, विनिर्माण, ऊर्जा, खुदरा व्यापार जैसे विविध क्षेत्रों में अमेरिकी-हिंदू समुदाय का प्रमुख योगदान रहा है।
हिन्दू अमेरिकियों के खिलाफ हिंसा
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि जॉर्जिया देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ दशकों में हिंदू-अमेरिकियों के खिलाफ घृणा अपराधों के मामले दर्ज किए गए हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदूफोबिया को कुछ शिक्षाविदों द्वारा संस्थागत रूप दिया गया है जो हिंदू धर्म को खत्म करने का समर्थन करते हैं और इसके पवित्र ग्रंथों पर हिंसा और उत्पीड़न की सांस्कृतिक प्रथाओं के आरोप लगाते हैं।
गौरतलब है कि इस संबंध में पहला कदम उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) के अटलांटा चैप्टर द्वारा शुरू हुआ था। जिसने 22 मार्च को जॉर्जिया स्टेट कैपिटल में आयोजित पहले हिंदू एडवोकेसी डे का आयोजन किया था। इसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के लगभग 25 सांसदों ने भाग लिया। CoHNA के उपाध्यक्ष राजीव मेनन ने कहा, “रेप मैकडोनाल्ड और रेप जोन्स के साथ-साथ अन्य सांसदों के साथ काम करना एक सम्मान था, जिन्होंने इस काउंटी प्रस्ताव को पारित करने की पूरी प्रक्रिया में हमारा मार्गदर्शन किया।”