भूख से परेशान पाकिस्तान ने अब खेती के लिए सेना को उतारा
इस्लामाबाद. भारत का पड़ोसी पाकिस्तान इस समय दोहरे संकट का सामना कर रहा है। जहां एक तरफ आर्थिक हालात बद से बद्तर हो चुके हैं, तो वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मामले में भी दुनियाभर में थू-थू हो रही है। पाकिस्तानी जनता दाने-दाने को तरस रही है। पाई-पाई के लिए उसे आईएमएफ और दुनिया के अन्य देशों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। इन तमाम संकटों के बीच हाथों में गोले-बारूद पकड़ने वाली पाकिस्तानी सेना ने खेती करने का फैसला लिया है। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने सेना को 45 हजार एकड़ जमीन दी है, जिसमें वह ‘कॉर्पोरेट एग्रीकल्चर फार्मिंग’ करेगी। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी सेना दुनियाभर में कई बार बदनामी करवा चुकी है। साथ ही, अतीत में भारत के हाथों भी उसे हार का सामना करना पड़ा है।
पाकिस्तानी सेना को खेती करने के लिए इजाजत इसलिए दी गई है, ताकि वह फसलों की पैदावार को बढ़ा सके। यह पूरा प्रोजेक्ट ज्वाइंट वेंचर में होगा। सशस्त्र बलों के सूत्रों ने कहा, ”परियोजना को सफल बनाने के लिए सेना प्रबंधन स्तर पर एक भूमिका निभाएगी। हालांकि, भूमि का स्वामित्व प्रांतीय सरकार के पास बना रहेगा। सेना को कॉर्पोरेट कृषि खेती से प्राप्त होने वाले राजस्व में कोई लाभ या हिस्सा नहीं मिलेगा।” रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब सरकार के भक्कर, खुशाब और साहीवाल जिलों में 45,267 एकड़ जमीन पर कॉर्पोरेट कृषि खेती शुरू की जाएगी। परियोजना को चरणों में पूरा किया जाएगा।
बंजर और कम खेती वाली जमीन को लेकर फैसला
पाकिस्तानी वेबसाइट जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और कृषि भूमि में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सेना हर साल एक भूमिका निभाती है। सूत्र ने कहा, ”अतीत में सेना भी काराकोरम राजमार्ग के निर्माण जैसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं का हिस्सा रही है। इसने अब कृषि उपज बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाने का फैसला किया है। सेना परियोजना की सुविधा देगी और कुछ नहीं। इसलिए सोशल मीडिया में आलोचना अनावश्यक है।” सूत्रों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में कॉर्पोरेट कंपनियां भी शामिल होंगी, जो चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी। परियोजना के तहत, पंजाब सरकार की राज्य भूमि जो बंजर और कम खेती वाली है, का उपयोग कॉर्पोरेट खेती के लिए किया जाएगा। स्थानीय लोगों को आधुनिक और मशीनीकृत खेती के लिए परियोजना का हिस्सा बनाया जाएगा।
जमीन को खेती योग्य बनाना होगा बड़ा काम
यह परियोजना काफी चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि जमीन को खेती योग्य बनाने के लिए पानी की व्यवस्था करना एक बहुत बड़ा काम होगा। संयुक्त उद्यम प्रबंधन समझौते पर पंजाब सरकार के साथ 8 मार्च, 2023 को हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते के तहत, पंजाब सरकार अपने राज्य की 45,267 एकड़ भूमि को कॉर्पोरेट कृषि खेती के लिए सेना को सौंप देगी। पंजाब के राजस्व बोर्ड को 17 मार्च तक पशुधन विभाग की 981 एकड़, चक 61 एमबी, तहसील और जिला खुशाब, और 18 मार्च तक 837 एकड़ कृषि विभाग, चक 5 एमबी, तहसील क़ैदाबाद, को उपलब्ध कराने को कहा गया है। वहीं, विभागों को रिसर्च जरूरतों के लिए उनकी आवश्यकताओं के अनुसार जमीन का कुछ हिस्सा रखने की अनुमति है।