ना किसानों की MSP बढ़ी, ना रोजगार मिला; किसकी आय दोगुनी हो गई, AAP सांसद ने पूछा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में देश का बजट पेश किया। सरकार ने दावा किया है कि इस बजट में किसान, नौजवान और अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों को के लिए काफी कुछ है और इन क्षेत्रों में सरकार की कोशिश से भविष्य में उन्हें लाभ मिलेगा। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि देश में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है।

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दुनिया में 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ा है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सरकार के इस बजट पर निशाना साधते हुए पूछा है कि किसकी आय दोगुनी हो गई है। 

एक ट्वीट के जरिए संजय सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा, ‘ न किसानो की MSP बढ़ी। न नौजवानों को रोज़गार मिला। लेकिन ये मोदी जी का अमृत काल है। निर्मला जी कह रहीं हैं कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो गई, किसकी?’

कृषि क्षेत्र में कई बड़े ऐलान

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि  केंद्र सरकार ने साल 2023 के दौरान किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। 20 लाख क्रेडिट कार्ड वितरित किए जाएंगे। 

वित्त मंत्री ने कहा कि मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना शुरु की गई है। किसान सम्मान निधि के तहत 2.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

अमृत काल का जिक्र

बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने अमृत काल का जिक्र किया। वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल में यह पहला बजट है। हम एक समृद्ध और समावेशी भारत की कल्पना करते हैं जिसमें वृद्धि का लाभ सभी तक पहुंचे। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब 10वें नंबर से पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है। देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़कर दोगुनी हुई।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण किया है। उन्होंने 2024 के आम चुनाव से पहले भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का मिशन ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। 

उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल भुगतान में महत्वपूर्ण वृद्धि के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक संगठित हो गई है।  कृषि क्षेत्र में संस्थागत ऋण वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 18.6 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2020-21 में 15.8 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान, पीएम-फसल बीमा योजना और कृषि अवसंरचना कोष बनाने जैसी पहल ने इस क्षेत्र की मदद की है।

टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव

वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पेयर्स को लेकर अहम ऐलान किया है। बताया गया है कि अब इन इनकम टैक्स रिजिम के तहत सरकार 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं वसूलेगी। वित्त मंत्री की इस घोषणा को टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। बता दें कि इससे पहले 5 लाख तक के इंकम पर कोई टैक्स नहीं लगता था।

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