नर्सरी में दाखिले के लिए उम्र में छूट का भी प्रावधान

शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए दिल्ली के निजी स्कूलों में नर्सरी से लेकर पहली कक्षा की सामान्य सीटों के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है। अभिभावक अपने बच्चे के दाखिला के लिए स्कूलों से न्यूनतम और अधिकतम उम्र की सीमा में छूट प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए अभिभावकों को स्कूलों से अनुरोध करना पड़ेगा।

शिक्षा निदेशालय के अनुसार, दाखिले के लिए उम्र में 30 दिन की छूट स्कूल प्रमुखों के स्तर पर दी जाती है। इसके लिए अभिभावकों को स्कूल प्रमुख से संपर्क करना होगा, जिसके आधार पर न्यूनतम और अधिकतम उम्र सीमा में छूट मिलेगी।

बच्चे का साल खराब नहीं कर सकते : रोहिणी स्थित माउंट आबू पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य ज्योति अरोड़ा ने बताया कि विभाग ने उम्र में छूट का प्रावधान दे रखा है। कभी कोई बच्चा दाखिला की उम्र सीमा से एक महीने कम या ज्यादा उम्र का आ जाता है, तो 11 महीने के कारण उसका पूरा साल तो खराब नहीं कर सकते हैं। ऐसे में बच्चों को दाखिला देने के लिए विचार किया जाता है, जिससे बच्चे का साल खराब न हो। 

लाभ लेने को करना पड़ता है अनुरोध

मयूर विहार फेज-3 स्थित विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. सतवीर शर्मा ने कहा कि उम्र में छूट के लिए स्कूल प्रमुख से अनुरोध करना पड़ता है, जिसके लिए अभिभावक को अनुरोध पत्र देना होता है। आवेदन की अंतिम तारीख 23 दिसंबर है।

शिक्षा निदेशालय के अनुसार ये हैं नियम

नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए शिक्षा निदेशालय के अनुसार नियम बनाए गए हैं, इसके तहत 31 मार्च 2023 तक बच्चे की उम्र चार साल से कम होनी चाहिए, जबकि केजी कक्षा के लिए पांच साल से कम और पहली कक्षा के लिए छह साल से कम उम्र 31 मार्च तक हो।

सिंगल पैरेंट को लुभा रहे स्कूल

नई दिल्ली। दिल्ली के निजी स्कूल बच्चे के नर्सरी दाखिला के लिए सिंगल पैरेंट को भी लुभाने में लगे हैं। इसके लिए स्कूलों ने दाखिला मानदंड में 20 से लेकर पांच अंक निर्धारित किए हैं, जिससे उनके बच्चे की भी दाखिले की राह आसान हो सके। मयूर विहार फेज-1 स्थित एक नामचीन निजी स्कूल ने सिंगल पैरेंट (तलाकशुदा/पति-पत्नी में से किसी एक की मौत) को लेकर दस अंक, जगतपुरी स्थित निजी स्कूल ने 15 अंक, राजगढ़ कॉलोनी के निजी स्कूल ने 20 अंक, रोहिणी सेक्टर-24 के निजी स्कूल ने दस अंक दाखिला मानक में शामिल किए हैं। कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जिन्होंने कोविड बीमारी से परिजनों की मृत्यु को दाखिला मानदंड में शामिल किया है। इसमें मंडावली स्थित एक निजी स्कूल ने दाखिला को लेकर पांच अंक का मानक तय किया है।

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