जब अनु अग्रवाल की गाड़ी के पीछे दौड़े हजारों लोग, बोलीं- उनका हाथ मेरे…
आशिकी फेम अनु अग्रवाल अब सिनेमा जगत से दूर हैं। 1990 में आई उनकी फिल्म ब्लॉकबस्टर हिट रही थी। मूवी के गाने अभी भी लोगों के सिर चढ़कर बोलते हैं। अनु अग्रवाल को आज भले ही लोग न पहचान पाएं लेकिन जब फिल्म आई तो वह गजब की पॉप्युलर थीं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने 1991 की घटना का जिक्र किया है। तब मरीन ड्राइव पर उन्हें हजारों लोगों ने घेर लिया था। लोग उनकी कार का दरवाजा खटखटा रहे थे। अनु को वहां से भागना पड़ा था।
लोग पहचान गए थे कार
अनु अग्रवाल ने बताया कि उनके पास चेरी रेड कलर की बड़ी सी कार थी। 1991 में ऐसी कार कम लोगों के पास होती थी। घटना के बारे में वह बताती हैं कि लोगों ने जब उनकी कार देखी तो अपनी गाड़ी छोड़ दी और ट्रैफिक सिग्नल पर उनकी तरफ दौड़े। उन्होंने बताया कि उनकी कार पर डार्क कलर की स्क्रीन थी। फिर भी लोग उन्हें पहचान गए थे।
कार पीटकर चिल्ला रहे थे लोग
सिद्धार्थ कनन के साथ इंटरव्यू में अनु अग्रवाल ने बताया, वे मेरी कार की खिड़की के शीशे खटखटाने लगे थे। मेरा नाम लेकर अनु-अनु चिल्ला रहे थे। ड्राइवर नहीं था। मैं ही कार चला रही थी। मुझे लग रहा था कि ये लोग मेरी कार तोड़कर मुझे बाहर निकाल लेंगे। मैं निडर इंसान हूं लेकिन जीवन में पहली बार मुझे डर लगा। हजारों लोग मेरी कार पीट रहे थे, अनु-अनु चिल्ला रहे थे। उनका हाथ मेरे पर पड़ जाता तो पता नहीं क्या होता मेरा। इस तरह का पागलपन था।
टैक्सी से पहुंचीं ताज
मैं दूसरे दरवाजे से कार से निकली। एक टैक्सी की तरफ भागी। टैक्सी पकड़ी और कार छोड़कर भागी। मैं ताज में डिनर के लिए जा रही थी। वहां मेरी एक मीटिंग थी। लोग बोले, क्या हुआ? आपक कार कहां है? मैंने बताया कि मरीन ड्राइव में खड़ी है। उन दिनों हमारे पार मोबाइल फोन नहीं होते थे। जिनके साथ मेरी मीटिंग थी, उनका ड्राइवर गया। जाकर मेरी कार लाया और मेरे घर पर खड़ी कर दी। यह एकदम हेल्पलेस करने वाला था।