फेड रिजर्व के निर्णय, तिमाही नतीजे और वाहन बिक्री आंकड़ों का बाजार पर रहेगा असर
मुंबई. वैश्विक बाजार के कमजोर रुख के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की दमदार लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह एक प्रतिशत से अधिक की छलांग लगा चुके घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह फेड रिजर्व के निर्णय, रूस-यूक्रेन तनाव, कंपनियों के तिमाही नतीजे, डीआईआई का रुख और सितंबर के वाहन बिक्री आंकड़ों का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 652.7 अंक की तेजी के साथ सप्ताहांत पर 59959.85 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 210.5 अंक मजबूत होकर 17786.80 अंक पर रहा। इसी तरह बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों में भी लिवाली हुई। इससे मिडकैप 242.19 अंक की बढ़त लेकर 25047.34 अंक और स्मॉलकैप 121.75 अंक चढ़कर 28688.57 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका में कीमतें कम होनी शुरू हो गई हैं लेकिन अभी भी महंगाई का स्तर ऊंचा बना हुआ है। साथ ही तीसरी तिमाही में निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन की गति धीमी बनी हुई है। यह दूसरी तिमाही के 1.6 प्रतिशत के मुकाबले तीसरी तिमाही में 1.2 प्रतिशत ही रही है। इस परिदृश्य में अगले सप्ताह 01-02 नवंबर को अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए होने वाली बैठक में एक बार फिर से ब्याज दर में बढ़ोतरी किये जाने की संभावना प्रबल हो गई है। इसका असर बाजार पर साफ दिखाई देगा। वहीं, रूस के काला सागर से यूक्रेन के अनाज के निर्यात को रोके जाने का प्रभाव भी बाजार पर रहेगा।
घरेलू मोर्चे पर अगले सप्ताह भारती एयरटेल, एलटी, टाटा स्टील, कोटक बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सन फार्मा, एचडीएफसी, हीरो मोटोकॉर्प, आइडिया, सिप्ला, एस्कोर्ट, गेल, इंडिगो, टाइटन और टीवीएस मोटर जैसी दिग्गज कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं। साथ ही 01 नवंबर से वाहनों की सितंबर में हुई बिक्री के आंकड़े भी आएंगे। अगले सप्ताह इन आंकड़ों का भी बाजार पर असर दिखाई देगा।
इसके साथ ही डीआईआई के साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निवेश धारणा का असर भी बाजार रहेगा। एफआईआई ने अक्टूबर में अबतक बाजार में 168,811.74 करोड़ रुपये निवेश किए जबकि 173,479.41 करोड़ रुपये निकाले लिए, जिससे वह 4,667.67 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 95,638.01 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि 85,253.94 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जिससे उनका शुद्ध निवेश 10,384.07 करोड़ रुपये रहा। यदि डीआईआई की निवेश धारणा आगे भी मजबूत रही तो बाजार को अगले सप्ताह भी इससे मदद मिलेगी।