GST चुकाने में लापरवाही पड़ भारी,डीजीजीआई ने थमाया 21 हजार करोड़ का नोटिस
एक ऑनलाइन गेमिंग कंपनी को जीएसटी नहीं चुकाने की कीमत काफी भारी पड़ी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि GST चुकाने में लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है. मामला बेंगलुरू का है, जहाँ गेमिंग फर्म गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीपर जीएसटी (GST) न चुकाने का आरोप है. आरोप है कि इस कंपनी ने 6 साल से जीएसटी नहीं दिया है. इस कंपनी को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय -डीजीजीआई की तरफ से 21 हजार करोड़ रुपये नोटिस भेजा गया है.
साल 2017 से बकाया है GST
बेंगलुरू की गेमिंग फर्म गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी साल 2017 में शुरू की गई थी. इसे गेमर्स के एक ग्रुप ने शुरू किया था. जीएसटी महानिदेशालय के अनुसार कंपनी ने बीते तीन सालों में टैक्स चोरी की है. बीते तीन सालो में 2017 से जून 2022 के बीच 77 हजार करोड़ की राशि ट्रांजेक्ट सट्टा लगाया गया है, जिसका 28 फीसदी जीएसटी टैक्स बनता है. जिसको कंपनी ने अदा नही किया है. कंपनी का नाम गेमिंग फर्म गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी जो कि बैंगलुरू बेज्ड एक आईटी कंपनी है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अप्रत्यक्ष कर पर कारण बताओ नोटिस जारी करने का इतिहास में अपनी तरह का अनोखा केस है. गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी के रियल-मनी गेम्स पर डीजीजीआई को आपत्ति हैं. रमी कल्चर, गेमज़ी और रम्मी टाइम तरह के गेम्स में खिलाड़ी आसानी से दांव (Bets) लगा सकते हैं. डीजीजीआई (DGGI) ने गेमिंग फर्म पर अपने कार्ड, कैजुअल और फंतासी गेम के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
कानून प्रवर्तन एजेंसी ने कहा कि इस कंपनी के गेम्स खेलने वालों के पास अपने गेमक्राफ्ट वॉलेट (Gameskraft Wallet) में अच्छी-खासी रकम आने के बाद इसे निकालने का कोई तरीका नहीं है.
कंपनी ने कहा- संवैधानिक है ये
वहीँ इस मामले में गेम्सक्राफ्ट के प्रवक्ता ने कहा, “कौशल के खेल सर्वोच्च न्यायालय और कई उच्च न्यायालयों के मुताबिक संवैधानिक तौर से संरक्षित गतिविधि हैं. रम्मी भी एक ऐसा खेल है जिसे घुड़दौड़, पुल और फंतासी खेलों की तरह एक कौशल खेल घोषित किया गया है. इसलिए ये नोटिस देश के पहले से स्थापित कानून से हटने जैसा है.”