सैफ अली खान ने जब अपनी ‘नवाबी’ पर दिया था जवाब, बोले- पॉकेटमनी तक नहीं मिलती थी
सैफ अली खान नवाबी खानदान से हैं। लोगों को उनकी लाइफस्टाइल नवाबों जैसी भले लगती हो लेकिन वह इस पर बात कर चुके हैं। सैफ अली खान ने बताया था कि उनकी परवरिश बहुत सामान्य हुई है। एक पुराने इंटरव्यू में सैफ बता चुके हैं कि जब वह बड़े हो रहे थे तो उनके माता-पिता बहुत मुश्किल से उन्हें पॉकेट मनी देते थे। हालांकि उन्होंने खुद को प्रिविलेज्ड भी माना था। आज (16 अगस्त) सैफ अली खान के जन्मदिन पर जानते हैं इंटरव्यू में और क्या बोले थे सैफ।
सामान्य बच्चों जैसी थी परवरिश
सैफ अली खान को अक्सर पटौदी खानदान का छोटा नवाब कहा जाता है। हालांकि उनका मानना है कि नवाबी सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित है। अब नवाब नहीं बचे। वह खुद को नवाब समझते भी नहीं हैं। एशियन एज को 2017 में दिए गए एक इंटरव्यू में सैफ अली खान ने कहा था, बेशक परवरिश के मामले में मैं प्रिविलेज्ड रहा हूं लेकिन जहां तक पैसे का सवाल है, मेरे पेरेंट्स मुझे पॉकेट मनी नहीं देते थे… मिलती भी थी तो सामान्य बच्चों की तरह ही मिलती थी। मेरी परवरिश सामान्य ही रही है और अब नवाब नहीं होते, यह टैग सिर्फ फिल्मों में बचा है।
पिता थे आखिरी नवाब
सैफ ने बताया, मेरे पिता (मंसूर अली खान पटौदी) आखिरी नवाब थे। और वह भी खुद को नवाब नहीं समझते थे। मेरी इमेज ऐसी इसलिए नहीं है क्योंकि मैं नवाब हूं लेकिन इसलिए है क्योंकि मैं फिल्मस्टार की लाइफस्टाइल एंजॉय करता हूं। कभी-कभी आप इमेज नहीं बदल पाते और ठीक भी है।
बोले, पिता ने बहुत कुछ खोया
सैफ से जब उनकी मां पर बायोपिक बनने पर सवाल किया गया तो बोले, मेरे पिता थोड़े ज्यादा सिनेमैटिक हैं। उनकी जिंदगी में ज्यादा उतार-चढ़ाव रहे हैं। मेरी मां एक गिफ्टेड आर्टिस्ट थीं, जो सुपरस्टार बनीं और दशकों तक सुपरस्टार रहीं। उनकी स्पोर्ट्समैन के साथ बढ़िया शादीशुदा जिंदगी रही और आरामदायक जिंदगी जी-कुछ खास ड्रामा नहीं था। मेरे पिता ने क्रिकेटर के तौर पर एक आंख खोई। उनसे कई चीजें छिन गईं जैसे कि पैसा। उनमें बहुत हिम्मत थी। उनका चीजें करने का तरीका बेहद स्टाइलिश था। उन पर बढ़िया बायोपिक बन सकती है।