चिकित्सा शिक्षा विभाग के क्लर्क के घर EOW का छापा
भोपाल. भोपाल में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सतपुड़ा भवन में पदस्थ क्लर्क हीरो केसवानी के घर पर हुई छापेमारी में करोड़ों रुपए की काली कमाई मिली है। बुधवार की सुबह सात बजे ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने क्लर्क हीरो केसवानी के संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) स्थित मकान पर छापेमारी की थी जो देर शाम तक जारी रही। कार्रवाई के दौरान क्लर्क के घर से करीब 85 लाख रुपए कैश जब्त हुए हैं। घर के हर कमरे से टीम के सदस्यों को नोटों की गड्डियां मिलीं जिन्हें गिनने के लिए मशीन बुलानी पड़ी। इतना ही नहीं 85 लाख रुपए नकद तो 12 से अधिक अचल संपत्तियों के दस्तावेज और चार लक्जरी वाहन भी क्लर्स के पास मिले हैं।
अधिकारियों से धक्कामुक्की, पी लिया फिनाइल
बुधवार सुबह जैसे ही ईओडब्ल्यू की टीम केसवानी के घर पहुंची तो सबसे पहले क्लर्क व उसके परिजन ने टीम को घर में कार्रवाई करने के लिए घुसने से रोका और उनके साथ धक्कामुक्की की। लेकिन जब बात नहीं बनी तो क्लर्क हीरो केसवानी ने फिनाइल पी लिया है जिसे EOW की टीम ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ दिनभर परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में टीम ने घर पर कार्रवाई जारी रखी। आलीशान घर के हर कमरे से टीम के सदस्यों को नोटों की गड्डियां मिलीं जिन्हें गिनने के लिए मशीन बुलानी पड़ी। खबर लिखे जाने तक घर से 85 लाख रुपए कैश मिलने की जानकारी है जो और भी बढ़ सकती है। घर से सोने-चांदी के जेवर समेत 12 से अधिक अचल संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं और कई बैंक खातों की भी जानकारी मिली है। जिनका मूल्यांकन किया जाना अभी बाकी है।
चार हजार रुपए महीने से शुरु की थी नौकरी
करोड़ों की काली कमाई जुटाने वाले क्लर्क हीरो केसवानी की अगर बात की जाए तो उन्होंने जिस वक्त नौकरी शुरु की थी तब उन्हें 4 हजार रुपए महीना वेतन मिलता था जो वर्तमान में सातवां वेतनमान मिलने के बाद करीब 50 हजार रुपए मासिक है। जबकि उनके पास से अभी तक की हुई कार्रवाई में 4 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति मिल चुकी है जिससे साफ है कि भ्रष्टाचार की काली कमाई के जरिए क्लर्क ने आलीशान बंगला, कारें और संपत्ति जुटाई है। जांच में ये भी सामने आया है कि क्लर्क केसवानी ने ज्यादातर संपत्ति अपनी पत्नी के नाम से खरीदी है जो कि गृहणी हैं और उनकी आय का कोई साधन भी नहीं है।