छत्तीसगढ़ में पहले दिन हुई 2306 लीटर गोमूत्र की खरीदी, कवर्धा में सर्वाधिक
रायपुर. राज्य में एक दिन में दो हजार 306 लीटर गोमूत्र की खरीदी हुई है। इसमें सर्वाधिक कवर्धा में 307 लीटर गोमूत्र बेचा गया हैै। इसके बाद बालोद 287 लीटर, महासमुंद में 184 लीटर गोमूत्र की खरीदी हुई। हरेली के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चार रुपये लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी शुरू की है। प्रदेश के 28 जिलों में से 63 गोठानों में गोमूत्र की खरीदी हो रही है।
अफसरों का दावा है कि निकट भविष्य में राज्य के सभी गोठानों में इसकी खरीदी होने लगेगी। इसके लिए आवश्यक तैयारियों के साथ-साथ गौठान समितियों के सदस्यों और महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को गोमूत्र की खरीदी से लेकर उससे जैविक कीटनाशक, जीवामृत-ग्रोथ प्रमोटर बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य में गोमूत्र खरीदी योजना के पहले हितग्राही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं बने।
उन्होंने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित हरेली तिहार के अवसर पर पांच लीटर गोमूत्र, चंदखुरी की निधि स्वसहायता समूह को 20 रुपये में बेचकर राज्य के पहले विक्रेता भी बने। गोबर की खरीदी और इससे जैविक खाद के निर्माण से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है।
गोमूत्र खरीदी का मकसद इससे गोठानों में जैविक कीटनाशक, जीवामृत, वृद्धि वर्धक का निर्माण करना है, ताकि राज्य के किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक सहजता से उपलब्ध कराया जा सके। गोमूत्र से जैविक कीटनाशक तैयार कर किसानों को 50 रुपये लीटर में उपलब्ध कराया जाएगा।
जानें किस जिले में कितनी हुई खरीदी
पहले दिन 28 जुलाई को सर्वाधिक कवर्धा में 307 लीटर, कोरिया में 110 लीटर, बलरामपुर में 45 लीटर, सूरजपुर में 37 लीटर, सरगुजा में 163 लीटर, जशपुर में 24 लीटर, रायगढ़ में 49 लीटर, कोरबा में 82 लीटर, जांजगीर-चांपा में 36 लीटर, बिलासपुर में 39 लीटर, मुंगेली में 52 लीटर , गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 15 लीटर, राजनादगांव में 47, बेमेतरा में 85, दुर्ग में 52 ,बालोद में 207, बलौदाबाजार में 55, रायपुर में 64, गरियाबंद व महासमुंद में 184, धमतरी में 12, कांकेर में 125, कोंडागांव में 15, बस्तर में 59, नारायणपुर में 11 दंतेवाड़ा में 112 , सुकमा में 105 और बीजापुर में 35 लीटर गोमूत्र की खरीदी हुई।