नाग पंचमी के दिन बनने जा रहे शुभ संयोग, जानिए खास बातें

हिंदू धर्म के अनुसार सावन में पड़ने वाले त्यौहारों का बहुत महत्व होता है। वहीं सावन के महीने में नाग पंचमी का त्यौहार भी मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान शिव को समर्पित होता है। इसे हिंदू धर्म में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस पवित्र दिन विधि-विधान से नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नागों को भी देवता के रूप में पूजा जाता है। वहीं भगवान शिव को नाग बहुत अधिक प्रिय होते हैं। इस पवित्र दिन नाग देवता की पूजा करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। आइए जानें नाग पंचमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

इस साल 2 अगस्त को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाने वाला है। हिंदू पंचांग के मुताबिक 2 अगस्त को सुबह 05:14 से पंचमी तिथि प्रारंभ होगी जो कि 3 अगस्त को सुबह 05:42 तक रहेगी। मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगी। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोषों से मुक्ति मिल जाती है। नाग देवता को घर का रक्षक भी माना जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

नाग पंचमी पूजा विधि

नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। स्नान के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। इस पवित्र दिन शिवलिंग पर जल जरूर चढ़ाएं। नाग देवता का अभिषेक करें। नाग देवता को दूध का भोग लगाएं। भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश को भोग लगाएं। इसके बाद नाग देवता की आरती करें। संभव हो तो इस दिन व्रत भी करें।

नाग पंचमी की पूजा सामग्री

नाग देवता की प्रतिमा या फोटो, दूध, पुष्प, पंच फल मेवा, सोना, चांदी, रत्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, दही, शुद्ध देसी घी, कुशासन, गंगा जल, शहद, पवित्र जल, पंच रस, इत्र गंध, रौली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रुई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृगांर की सामग्री आदि।

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