सर्वाइकल कैंसर के लिए भारत की Vaccine CERVAVAC को मिली मंजूरी

जयपुर. सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पुणे आधारित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने देशी वैक्सीन बनाई है। परीक्षण में यह काफी कारगर पाई गई है। भारत में बनी क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी) दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल नतीजों का पूरा विवरण कंपनी ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) के पास जमा किया है। दवा नियामक की मंजूरी मिली तो 2022 में ही सर्वावैक नामक यह वैक्सीन इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकती है।

दावा है कि इससे महिलाओं को सर्वाकल कैंसर से निजात मिल सकती है। केंद्र सरकार इसे टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए यह टीका 9-14 साल की लड़कियों को लगाया जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए फिलहाल विदेश से महंगा टीका मंगाया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दूसरे और तीसरे चरण के नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे हैं। ट्रायल में शामिल सभी उम्र की महिलाओं पर इसका असर अच्छा रहा। एचपीवी वायरस पर एंटीबॉडी रिस्पांस बेसलाइन से हजार गुना ज्यादा पाया गया। डीसीजीआइ के पास पूरा विवरण जमा किया गया है।

बता दें, फिलहाल सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए टीके को सब्जेक्ट एसईसी ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही यह अब जल्दी ही बाजार में उपलब्ध होगी। एएनआई के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एसआईआई (SII) के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने 8 जून को डीसीजीआई (DCGI) के सामने क्यूएचपीवी (qHPV) वैक्सीन की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। इस आवदेन में उन्होंने कहा है कि, qHPV वैक्सीन CERVAVAC (सर्वावैक) ने मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया दिखाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, CERVAVAC को इस साल के आखिर तक मार्केट में लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि क्यूएचपीवी वैक्सीन, भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन (India First Vaccine Against Cervical) होगी जो सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ बनाई गई है। हर साल देश में करीब 122,844 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पहचान होती है और करीब इस बीमारी से 67, 477 महिलाओं की जान चली जाती है।

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