ED के सामने हाजिर हुई IAS पूजा सिंघल, आमदनी के स्रोतों, मनरेगा घोटाले में उनकी भूमिका समेत पूछे गये कई सवाल

रांची: आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल मंगलवार को इडी के समक्ष हाजिर हुईं. इडी ने मंगलवार को उनसे उनकी आमदनी के स्रोतों, मनरेगा घोटाले में उनकी भूमिका और उनके बैंक खाते में जमा नकद राशि से संबंधित सवाल पूछे. वह झारखंड की पहली आइएएस अधिकारी हैं, जिनके ठिकानों पर इडी ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में छापा मारा और पूछताछ के लिए समन जारी किया.

आइएएस पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के अलावा सीए सुमन कुमार से तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रही. पूजा सिंघल व अभिषेक झा को बुधवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है. सीए सुमन कुमार अब जब्त पैसों का राज खोलने के करीब पहुंच गया है. इधर पूजा सिंघल अपने पति अभिषेक झा के साथ मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे इडी कार्यालय पहुंचीं. यहां नौ घंटे चली पूछताछ के बाद देर शाम आठ बजे दोनों को छोड़ दिया गया.

इससे पहले इडी अधिकारियों का दल सीए सुमन कुमार को लेकर कार्यालय पहुंचा. इडी ने पूजा सिंघल से उनकी आमदनी के स्रोतों और पति अभिषेक झा व उनके बीच आर्थिक संबधों की जानकारी मांगी. इसके बाद मनरेगा घोटाले में हुई जांच और तत्कालीन इंजीनियर राम विनोद सिन्हा व आरके जैन द्वारा मनरेगा की योजनाओं में कमीशनखोरी से संबंधित दिये गये बयान से जुड़े सवाल पूछे. इडी ने पूजा के आइसीआइसीआइ बैंक स्थित खाते में जमा नकद रुपये और उससे सीए सुमन कुमार व उससे संबंधित कंपनियों में पैसा ट्रांसफर किये जाने से संबंधित सवाल भी पूछे.

खाते में जमा नकदी के बारे में पूजा नहीं दे सकी जानकारी :

बताया जाता है कि पूजा सिंघल ने अपने बैंक खाते में जमा नकदी के सिलसिले में तत्काल कुछ बताने में असमर्थतता जतायी. इडी ने मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान यह पाया था कि पूजा सिंघल के नाम पर आइसीआइसी बैंक में खोले गये खाते में कई चरणों में नकद एक करोड़ रुपये जमा कराये गये थे.

उन्होंने इसी बैंक खाते के पैसे से 13 पॉलिसी खरीदी थी. सीए सुमन कुमार और उससे उसके भाई की कंपनी में हुए लेन-देन से इस बात की जानकारी मिलती है कि वर्ष 2017 तक पूजा सिंघल का संबंध सीए सुमन कुमार के साथ रहा है. जांच में पाया गया कि पूजा सिंघल ने अपने आइसीआइसीआइ के बैंक खाते से पहली बार 26 मई 2015 को सुमन कुमार के खाते में 3.96 लाख रुपये ट्रांसफर किये.

उन्होंने दूसरी बार 28 मार्च 2016 को सुमन कुमार और उसके पिता राधेश्याम सिंह के नाम पर बनी संस्था संतोष क्रशर मेटल वर्क्स के खाते में 6.39 लाख रुपये ट्रांसफर किये. तीसरी बार उन्होंने 21 सितंबर 2017 में सीए सुमन कुमार के भाई पवन सिंह की राधेश्याम एक्सप्लोसिव नामक कंपनी में 6.22 लाख रुपये ट्रांसफर किये.

राजधानी के अलावा दूसरे राज्यों में इडी की ओर से छापेमारी के दौरान जो कागजात जब्त किये गये, उन्हें मंगलवार को दो बक्सों में रांची स्थित इडी कार्यालय लाया गया. झारखंड के अलावा इडी ने बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान में छापेमारी की थी.

इडी के अधिकारियों ने अभिषेक झा से मंगलवार को भी तीसरे दिन पल्स अस्पताल और पल्स डॉयग्नोस्टिक सेंटर के वित्तीय पहलुओं से जुड़े सवाल पूछे. इडी ने तीसरे दिन भी सीए सुमन कुमार से पूछताछ की. सीए से पूजा सिंघल और अभिषेक से उसके संबंधों और लेन-देन से संबंधित सवाल पूछे. इसके बाद उसके घर से जब्त रुपये से संबंधी सवाल पूछे.

इडी छापेमारी के बाद अब पल्स अस्पताल की जमीन की जांच रिपोर्ट तलाशी जा रही है. दो दिनों से रांची अपर समाहर्ता कार्यालय में इसकी खोजबीन की जा रही है, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिल रही है. अंदेशा जताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट गायब हो गयी है. अस्पताल की जमीन की जांच दो साल पहले तत्कालीन अपर समाहर्ता और बड़गाईं सीओ ने की थी. शिकायत थी कि यह जमीन भूईंहरी प्रकृति की है, खरीद-बिक्री संभव नहीं है.

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