Online Fraud: छत्तीसगढ़ में हर घंटे तीसरा व्यक्ति ठगी का शिकार, 10 माह में 17 हजार केस… पढ़िए केस स्टडी और जानिए फ्रॉड के तरीके

ज्यादातर में टेलीग्राम एप या फिर निवेश के नाम पर एपीके फाइल डाउनलोड कराई गई है। पुलिस के लिए पीड़ितों को पैसे वापस करवाना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। पुलिस खाते होल्ड करवा दे रही लेकिन पैसे पीड़ित को नहीं मिल पा रहे हैं।

HIGHLIGHTS

  1. हर साल बढ़ रहे केस, तरीके बदलकर हो रही ठगी
  2. आम नागरिकों को लगातार किया जा रहा जागरूक
  3. जामताड़ा गैंग की तर्ज पर अन्य राज्यों से हुई ठगी

रायपुर (Cyber Fraud in CG)। छत्तीसगढ़ में हर घंटे लगभग तीन लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। 2024 में 10 माह के भीतर दर्ज किए गए साइबर ठगी के 17 हजार 11 केसों के विश्लेषण में यह बात सामने आ रही है। पुलिस की जांच में सामने आया है ठगी का गढ़ माने-जाने वाले जामताड़ा गैंग की तर्ज पर ही राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से ठगी की जा रही है।

ये हैं ठगी के 10 तरीके

  • डिजिटल अरेस्ट: स्कैमर पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर फोन करते हैं। जिसके बाद लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं।
  • फिशिंग स्कैम: नामचीन कंपनियों और सरकारी विभागों के नाम व लोगो का इस्तेमाल कर मैसेज भेजते हैं। फर्जी लिंक पर जानकारी देते ही खाते खाली कर देते हैं।
  • जाब स्कैम: फर्जी नौकरियों की भर्ती के मैसेज व लिंक भेजते हैं। क्लिक कर आवेदन कर देते हैं। फीस या जॉइनिंग किट के नाम पर पैसे ऐंठ लेते हैं।
  • गलती से पैसे भेजने का स्कैम: लोगों के पास रुपये क्रेडिट होने का फर्जी मैसेज भेजते हैं। फिर गलती से पैसे ट्रांसफर होने बात कहकर ठगी।

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  • इमोशनल मैनिपुलेशन स्कैम: मेट्रीमोनियल-डेटिंग एप या इंटरनेट मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाते हैं। फिर धीरे-धीरे बात कर रिश्ते में सीरियस होने की बात कहते हैं। इमरजेंसी होने की बात कर ठगी करते हैं।
  • लकी ड्रा स्कैम: लाटरी या लकी ड्रा प्राइज विनर का मैसेज भेजते हैं। ठग राशि ट्रांसफर करने की बात कह कर पांच से 10 प्रतिशत टैक्स के तौर पर पैसे ऐंठ लेते हैं।
  • पार्सल स्कैम: ठग लोगों को कॉल कर बताते हैं कि उनका कोई पार्सल आ रहा था, जिसमें ड्रग्स पाए जाने से उनका पार्सल जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है। लोग डरकर ठग को भेजे ट्रांसफर कर देते हैं।
  • कैश आन डिलिवरी स्कैम: असली शापिंग एप जैसी मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। खरीदारी करने पर लोगों के पास फर्जी या गलत प्रोडक्ट पहुंचता है।
  • लोन व कार्ड स्कैम: ठग वेबसाइट और इंटरनेट मीडिया पर कम दस्तावेजों में पर्सनल लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा करते हैं। फीस की मांग करते है हैं जैसे ही रकम जमा होती है तो ठग संपर्क खत्म कर देते हैं।
  • इंटरनेट मीडिया पर बदनामी: लड़की की मदद से लोगों को शिकार बनाते हैं। काल उठाते ही न्यूड लड़की नजर आती है। आपत्तिजनक वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग कर ली जाती है। बदनामी की धमकी देकर रिकॉर्डिंग के सहारे स्कैमर उन्हें निशाना बनाकर ठगी करते हैं।

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केस 01 : 72 घंटे बुजुर्ग डिजिटल अरेस्ट

राजधानी सहित प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के लगातार मामले आ रहे हैं। रायपुर में एक महीने में एक करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई है। रायपुर की 58 वर्षीय महिला साइबर ठगों के जाल में फंस गई, जहां उसे 72 घंटे तक कथित “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया।

महिला को बताया कि आधार नंबर का उपयोग करके मुंबई के लुईसवाड़ी थाने में किसी इस्लाम नवाब मलिक नामक व्यक्ति ने 311 बैंक खाते खोले हैं, जिनका दुरुपयोग हो रहा है। इसके बाद फोन काल को कथित मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी से जोड़ दिया गया। इसके बाद महिला ने बैंक में जाकर 58 लाख रुपये बताए गए खाते में डाल दिए।

केस 02 : शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर ठगी

राजेंद्र नगर के लाविस्टा निवासी कारोबारी अभिषेक कुमार को अज्ञात व्यक्ति ने शेयर बाजार में निवेश करने पर भारी मुनाफा दिलाने का दावा किया। इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। ग्रुप में अलग-अलग कंपनियों में पैसा निवेश करने के बारे में मैसेज आने लगे।

इसके बाद अभिषेक ने भी उनके बताए तरीके से पैसा लगाना शुरू किया। दो माह के भीतर कारोबारी ने अलग-अलग बैंक खातों में ढाई करोड़ रुपये जमा कराए।

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