Samvidhan Divas 2024: संविधान दिवस पर पैदल चलेगी साय सरकार, कांग्रेस चलाएगी संविधान रक्षक अभियान

संविधान दिवस के मौके पर 26 नवंबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की नेतृत्व में पदयात्रा आयोजित की जाएगी, जिसमें मंत्रिमंडल के सदस्य और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह शामिल होंगे। इस दौरान ग्राम पंचायतों में संविधान के कर्तव्यों पर चर्चा की जाएगी और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। वहीं, कांग्रेस ने संविधान रक्षक अभियान की शुरुआत की है, जो 26 नवंबर 2024 से 26 जनवरी 2025 तक चलेगा।

HighLights

  1. 26 नवंबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निकलेगी पदयात्रा।
  2. पदयात्रा में मंत्रिमंडल के सदस्य और विधानसभा अध्यक्ष शामिल होंगे।
  3. कांग्रेस ने 26 नवंबर से 26 जनवरी तक चलाएगी संविधान रक्षक अभियान।

 रायपुर। संविधान दिवस के मौके पर 26 नवंबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की पदयात्रा निकलेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य और विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें मंत्रिमंडल के सभी सदस्य शामिल होंगे। पदयात्रा के प्रारंभ में पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सालय के सभागार में संविधान पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसके बाद चिकित्सा महाविद्यालय कलेक्टोरेट परिसर अंबेडकर चौक तक पदयात्रा निकाली जाएगी।

एक तरफ राज्य सरकार संविधान दिवस पर गांव-गांव तक अपने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पहुंचेगी तो दूसरी ओर कांग्रेस ने भी इस अवसर के लिए अपनी रणनीति बना ली है। कांग्रेस ने संविधान रक्षक अभियान चलाने का निर्णय लिया है। पंचायत चुनाव से पहले संविधान दिवस के बहाने पार्टियों ने गांव-गांव जाने का निर्णय लिया है। प्रशासन और पार्टियों के प्रतिनिधि की गांव-गांव में सभा होगी। लोगों को उनके अधिकार बताए जाएंगे। इसके लिए पंचायत के प्रतिनिधि के साथ-साथ भाजपा के पदाधिकारी-कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।

कांग्रेस के नैरेटिव को देंगे जवाब

राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के नेता इस बात पर जोर देने में लगे रहे कि यदि मोदी सरकार फिर सत्ता में आई तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और संविधान भी नहीं बचेगा। वे अपनी सभाओं में बार-बार कह रहे थे कि इस बार के लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए हैं। आखिरकार देश में तीसरी बार नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने और कांग्रेस का ये नैरेटिव भी धरा ही रह गया। अब भाजपा सरकार में संविधान दिवस को खास तरीके से मनाया जा रहा है।

ग्राम पंचायतों में होगी सभा: टंकराम वर्मा

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं का भी आयोजन होगा, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 51ए के तहत नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को पढ़ा और समझाया जाएगा। इस मौके पर जीवित स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। संविधान सभा के सदस्यों से जुड़े गांवों में, जिसमें संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान पर विशेष जोर देते हुए विशेष समारोह आयोजित किए जाएंगे।

स्कूलों और कॉलेजों में संविधान के प्रावधान, संविधान निर्माण की प्रक्रिया, मौलिक अधिकार, कर्तव्य एवं राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांत तथा नवीनतम संशोधन आदि विषयों पर प्रश्नोत्तरी आयोजित किया जाएगा। साथ ही नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों तथा अन्य संवैधानिक मुद्दों पर वाद-विवाद सेमिनार, जिसमें सामाजिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, समय के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए संविधान को लचीला बनाने तथा नवीनतम तथा प्रमुख संशोधनों की जानकारी देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

26 जनवरी तक चलेगा कांग्रेस संविधान रक्षक अभियान

कांग्रेस ने संविधान की रक्षा का हवाला देकर 26 नवंबर 2024 से 26 जनवरी 2025 तक 60 दिवसीय राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा हमारे संविधान में निहित मूल्यों की रक्षा के लिए खड़ी रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दशक में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार द्वारा संविधान की नींव को कमजोर करने और सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को कमजोर करने के व्यवस्थित प्रयास किया है। इस 60 दिवसीय ‘‘संविधान रक्षक अभियान’’ में पांच प्रमुख विषयों को आमजनता के समक्ष उजागर किया जाना है प्रत्येक विषय के लिये 10 दिवसीय अवधि तथा पांच विषय निर्धारित किए गए हैं। इस अभियान के प्रमुख उद्देश्यों में

संविधान और समानता की लड़ाई लड़ना, देश में असमानता और इसे संबोधित करने में भाजपा की केंद्र सरकार की विफलता को उजागर करना,एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों, गैर-अधिसूचित जनजातियों, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ, हाशिए पर रहने वाले समुदायों की स्थिति खराब करने वाली नीतियों को उजागर करना है।

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