श्मशान भूमि में शव दफनाने को लेकर विवाद, बगैर दफनाने ले जाना पड़ा वापस
जानकारी के मुताबिक महंत समाज की अगम बाई महंत अपनी जेठानी पवित्रा महंत का शव लेकर समाज के लोगो के रीति रिवाजों से कफ़न दफन के लिए श्मशान भूमि पहुंची थीं, जहां उन्हें शव दफनाने से रोक दिया गया।
HIGHLIGHTS
- पुलिस की समझाइश से मामला शांत तो हो गया।
- श्मशान भूमि में शव दफनाने से रोक दिया गया।
- दोनों पक्षों को विवाद नहीं करने की समझाइश दी।
रायगढ़।रायगढ़ जिले के छातामुरा वार्ड नंबर 41 में महंत समाज के श्मशान भूमि में शव दफनाने को लेकर एक विवाद उत्पन्न हो गया, संवेदनशील प्रकरण में घंटो वाद विवाद की स्थिति के उपरांत तहसील न्यायालय आदेश पर पुलिस की समझाइश से मामला शांत तो हो गया चूंकि उक्त आदेश के तहत शव को बैगेर कफ़न दफन किए वापस लेकर लौटना पड़ गया।
इसके पीछे की वजह बताया गया कि कल्लू सोनीनामक व्यक्ति का इस भूमि पर अपने दावे के साथ मौजूद थे, ऐसे में देखते ही देखते उसके परिवार के लोग भी बड़ी संख्या में मौके पर आ गए। इस पर वाद-विवाद की स्थिति उपज गई। उन्होंने शव के लिए गड्ढा खोदने का विरोध करने लगे। इससे स्थिति तनावपूर्ण बन गई। इन परिस्थितियों की जानकारी पुलिस को मिलते ही संवेदनशील प्रकरण होने पर बड़ी संख्या में मौके जूटमिल पुलिस पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।
ततपश्चात स्थानीय वरिष्ठ जनों को बुलाकर समस्या का समाधान निकालने की चर्चा की गई। लेकिन विवाद गहरा होता चला गया। इस मामले को लेकर पहले भी महंत समाज के लोगों ने कलेक्टर जनदर्शन, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जूटमिल थाना और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटाने की मांग की थी।
चूंकि कल्लू सोनी का कहना है कि श्मशान भूमि पर उनका अधिकार है, जबकि महंत समाज के लोग इस स्थान को अपने पुरखों के लिए पारंपरिक दफनाने के स्थल के रूप में मानते हैं। अतिक्रमण के इस मुद्दे ने दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ा दिया है, जिससे स्थानीय प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।
जानकारी यह भी सामने आई कि बीते 21 अक्टूबर को पुसौर तहसीलदार ने उक्त जमीन पर किसी भी प्रकार की गतिविधियों को रोकने का आदेश दिया था।
बहरहाल मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराते हुए भूमि दावा कर्ता और महंत समाज के लोगों को समझाइश दी जिसके बाद मामला शांत हुआ। उप निरीक्षक गिरधारी साव ने न्यायालय के आदेश मिलने तक दोनों पक्षों को विवाद नहीं करने की समझाइश दी