गैंगस्टर अमन साव ने हाईकोर्ट के फैसले को डबल बेंच में दी चुनौती, चुनाव लड़ने के आवेदन को किया था खारिज
गैंगस्टर अमन साव के खिलाफ 120 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले हैं, जिसके चलते झारखंड हाईकोर्ट ने उसे चुनाव लड़ने की अनुमति देने की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अमन की सजा पर रोक नहीं लगाई जा सकती, जिससे वह बड़कागांव विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ सकेगा।
HIGHLIGHTS
- झारखंड हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से किया इन्कार
- झारखंड के बड़कागांव विधानसभा से चुनाव लड़ने मांगी थी अनुमति
- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने किया था आवेदन
रायपुर। रायपुर पुलिस की गिरफ्त में आए झारखंड के गैंगस्टर अमन साव की ओर से हाईकोर्ट बिलासपुर के निर्देश को डबल बेंच में चैलेंज करने आवेदन दिया गया है। दरअसल अमन ने झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़का गांव विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी की थी। इसके लिए झारखंड से आए वकील हेमंत सिकरवार के माध्यम से छत्तीसगढ़ और झारखंड हाईकोर्ट में आवेदन पेशकर चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बुधवार को इस पर सुनवाई कर जहां आवेदन को रद कर दिया, वहीं झारखंड हाईकोर्ट से गुरूवार को आवेदन रद करने की पुष्टि हुई। इसके बाद वकील सिकरवार ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए डबल बेंच में आवेदन पेश किया है। हालांकि इस पर कब सुनवाई होगी, सकी तिथि नियत नहीं हुई है।
कोर्ट के आदेश पर नामिनेशन फार्म पर कराया हस्ताक्षर
अमन साव को नामिनेशन फार्म पर हस्ताक्षर कराने की अनुमति रायपुर सीजीएम कोर्ट ने देते हुए तेलीबांधा पुलिस थाना प्रभारी को इस संबंध में निर्देश जारी किया। देर शाम को अमन साव से हस्ताक्षर भी करा लिया गया। अब नामिनेशन फार्म जमा करने के लिए बचाव पक्ष के वकील शुक्रवार को झारखंड के लिए रवाना होंगे।
आज कोर्ट में पेश होगा अमन
तेलीबांधा रिंग रोड पर स्थित पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर अपने गुर्गों के जरिए फायरिंग कराने के मामले में तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिए गए अमन साव को शुक्रवार रिमांड खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस अफसरों का कहना है कि पूछताछ पूरी हो चुकी है। अब फिर से रिमांड पर लेने की फिलहाल जरूरत नहीं है। लिहाजा कोर्ट में पेश होने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा सकता है।
गैंगस्टर अमन पर 120 गंभीर मामले, नहीं लड़ पाएगा विधानसभा चुनाव
कुख्यात अपराधी अमन साहू बड़कागांव विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ पाएगा। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने गुरुवार को चुनाव लड़ने के लिए सजा पर रोक लगाने की मांग वाली उसकी याचिका खारिज कर दी।
पीठ ने कहा कि अमन साहू के खिलाफ 120 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पीठ ने अमन साहू के अधिवक्ता के उस दलील को नहीं माना, जिसमें ममता देवी के मामले में दिए गए आदेश को आधार बनाया गया था। पीठ ने कहा कि ममता देवी का मामला इससे बहुत भिन्न है। ममता देवी पर मात्र दो ही मामले थे, जबकि प्रार्थी पर 120 संगीन मामले हैं। ऐसे में अपराधी अमन साहू की सजा पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
प्रार्थी की ओर अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार की ओर से पक्ष रखा गया। अमन साहू की ओर से बड़कागांव से चुनाव मैदान में उतरने के लिए नामांकन पत्र खरीदा गया था और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
आर्म्स एक्ट के मामले में रामगढ़ की निचली कोर्ट ने अमन साहू को मई 2018 में छह साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में रामगढ़ के पतरातू थाना में प्राथमिकी की गई थी। सजा के खिलाफ अमन साहू ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है। इसी अपील में उसने चुनाव में उतरने को लेकर हस्तक्षेप याचिका दाखिल की थी।
याचिका में कहा गया था कि अमन साहू बड़कागांव से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहता है। उसकी सजा पर रोक लगाते हुए उसे चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान की जाए। इसके लिए रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी के केस का हवाला दिया गया था।
अमन साहू को रामगढ़ के अलावे लातेहार के एक मामले में तीन साल की सजा मिली है। लातेहार के मामले में वह पूरी सजा काट चुका है। इससे पहले बुधवार को बिलासपुर हाई कोर्ट से भी अमन साहू को नामांकन के लिए पुलिस कस्टडी में जाने की अनुमति नहीं मिली थी।