रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव: भाजपा-कांग्रेस में ही होगा मुकाबला, प्रत्याशी चयन में उलझी पार्टियां
रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बजने के साथ ही चुनावी गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस बार मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होने की संभावना है, जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या में कमी आ सकती है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अभी तक अपने प्रत्याशियों का चयन नहीं कर पाई हैं और जातिगत समीकरणों में उलझी हुई है।
HighLights
- भाजपा के दमदार प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल अब सांसद बन चुके है।
- यहां चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की हो जाती है जमानत जब्त।
- भाजपा और कांग्रेस अभी तक नहीं कर पाई अपने प्रत्याशी का चयन।
रायपुर। रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बजते ही अब तरह-तरह के चुनावी कयास लगाए जा रहे है। इसमें सबसे ज्यादा कयास इस बार उपचुनाव में यह लगाया जा रहा है कि उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में होगा तथा निर्दलीय इस बार और घट सकते हैं। पिछले चुनावों में रायपुर दक्षिण में अक्सर यही कहा जाता रहा है कि यहां चुनावी गणित के चलते ज्यादा से ज्यादा संख्या में निर्दलीय प्रत्याशी खड़े किए जाते रहे है और इस वर्ष ऐसा देखने नहीं मिलेगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बहुत से कारण माने जा रहे है।
प्रत्याशी चयन के लिए चल रहा मंथन
भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अभी तक इस सीट से अपने प्रत्याशी का चयन नहीं कर पाई है। दोनों ही पार्टियां इस कश्मकश में है कि रायपुर दक्षिण से प्रत्याशी चुनने में जातिगत समीकरण में उलझ गई है। भाजपा ने दो दिन पहले ही तीन नामों का पैनल मुख्यालय भेजा है,लेकिन अभी तक नाम तय नहीं हुए है। भाजपा इस कश्मकश में है कि अनुभव को प्राथमिकता दी जाए या किसी नए चेहरे को लाया जाए। वहीं कांग्रेस में यह देखा जा रहा है कि भाजपा से कौन प्रत्याशी फाइनल हो रहा है।
दावेदारों ने शुरू किया प्रचार-प्रसार
दोनों ही पार्टियों के मुख्य दावेदारों ने अब इंटरनेट मीडिया के साथ ही व्यक्तिगत संपर्क करते हुए अपना प्रचार- प्रसार शुरू कर दिया है और वोट मांगने लगे है।
वर्षवार इतने रहे प्रत्याशी
वर्ष | प्रत्याशियों की संख्या |
2008 | 22 |
2013 | 38 |
2018 | 46 |
2023 | 22 |