CG Weather: छत्तीसगढ़ में सप्ताह भर बाद होगी मानसून की विदाई, बारिश की गतिविधियों में आएगी कमी
छत्तीसगढ़ में मानसून की वापसी के लिए एक सप्ताह शेष रह गया है, और इस दौरान हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। 10 अक्टूबर के बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आने की उम्मीद है।
HIGHLIGHTS
- छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में अभी जारी रहेगा बारिश का सिलसिला।
- अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना।
- गंगालूर में 33 मिमी बारिश, अन्य स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून की वापसी के लिए केवल एक सप्ताह बाकी रह गया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस दौरान प्रदेश में हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। बंगाल की खाड़ी से नमी का लगातार प्रवाह हो रहा है, जिसके कारण प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की वर्षा तथा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना बनी हुई है।
हालांकि, 10 अक्टूबर के बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आने का अनुमान है। इस दौरान प्रदेश के कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात और अंधड़ चलने की भी संभावना जताई गई है।
वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो गंगालूर में सर्वाधिक 33 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि अन्य स्थानों पर भी बारिश हुई है। शंकरगढ़, मुक्देगा, और पसान में 30 मिलीमीटर, पखांजूर में 20 मिलीमीटर, तथा जशपुरनगर, बागबहर, और रामानुजगंज में 10 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
तापमान की स्थिति भी कुछ इस प्रकार रही
प्रदेश में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री सेल्सियस दंतेवाड़ा में दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 19.9 डिग्री सेल्सियस नारायणपुर में पाया गया। राजधानी रायपुर में शुक्रवार को बादल छाए रहने की संभावना है, जहां अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री के आसपास रह सकता है।
पड़ोसी राज्यों की बात करें तो दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी नौतनवा, सुल्तानपुर, पन्ना, नर्मदापुरम, खरगांव, नंदुरबार, और नवसारी से होकर गुजर रही है। आगामी 2-3 दिनों में गुजरात के शेष भाग, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तथा महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों से भी मानसून की वापसी की स्थिति अनुकूल है।
इस प्रकार, मानसून की वापसी की गतिविधियों के बीच प्रदेशवासियों को हल्की बारिश का सुखद अनुभव मिलने की उम्मीद है, जबकि इसके बाद बारिश की स्थिति में कमी देखने को मिलेगी।