Navratri Garba: गरबे पर चढ़ रहा परंपरा के साथ डिजाइनिंग का रंग
गुजरात के बाद अगर कहीं गरबा का भव्य आयोजन होता है, तो वह मध्य प्रदेश है। उसमें भी इंदौर शहर में गरबे की धूम होती है। शहर के गरबा में एक से बढ़कर एक सेलिब्रिटीज आते हैं और शक्ति की आराधना के इस पर्व को चार चांद लगा देते हैं। युवतियों और महिलाओं में लहंगे और गरबे की ज्वैलरी का खास क्रेज रहता है।
HIGHLIGHTS
- शहर के बाजारों में गरबा ड्रेस और ज्वेलरी की छा रही है चमक।
- लहंगे पर कच्छी वर्क, चिकन वर्क, डिजिटल प्रिंट का हो रहा काम।
- सिल्क के कपड़े का इस्तेमाल, लाइटवेट अपेरल की भी बढ़ी मांग।
इंदौर। गरबा जितना गुजरात में लोकप्रिय है, उतना ही इंदौरवासियों के दिल के करीब भी है। गुजरात के बाद अगर कहीं सबसे ज्यादा गरबे की धूम है, तो वह है मध्य प्रदेश का संस्कृतिप्रिय शहर इंदौर। शहर में गरबे के जितने आयोजन होते हैं, जितने सेलिब्रिटी शहर के गरबा महोत्सव में आते हैं, उतने प्रदेश के शायद ही किसी शहर में आते होंगे।
शहर में गरबा परिधान का बाजार भी अब खूब रंग जमाने लगा है। फैशनपरस्त शहर में इस बार गरबे के लिए कई तरह की डिजाइनर ड्रेसेस आ चुकी हैं और इनकी बुकिंग कई दिनों पहले ही हो चुकी है। बात अगर गरबा परिधानों में इस बार के ट्रेंड की करें तो अब लाइटवेट अपेरल का चलन जोरों पर है।
युवतियां ऐसे परिधान पसंद कर रही हैं जो कम वजनी हो और सबसे आकर्षक भी हों। इसके लिए शहर के डिजाइनर तो पारंपरिक परिधान तैयार कर ही रहे हैं, साथ ही गुजरात के चनिया-चोली भी मंगवाए जा रहे हैं। इसमें सिल्क के कपड़े से लहंगा बनाया जाता है। इसमें डिजिट प्रिंट द्वारा अलग-अलग पैटर्न दिए जाते हैं, जो देखने में काफी आकर्षक लगते हैं। वजन में हल्का होने के कारण इसको महिलाएं ज्यादा पसंद करती हैं।
ब्रोकेट कपड़े पर कच्छी वर्क
गरबा परिधान विक्रेता भारती मूणत बताती हैं कि इस बार ब्रोकेट कपड़े से बने लहंगे भी खूब पसंद किए जा रहे हैं। यह लहंगा बहुत घेरदार होता है, जो इसकी खूबसूरती बढ़ा देता है। इन लहंगों पर कच्छी वर्क हो रहा है। पहले लहंगों पर हाथ से कढ़ाई की जाती थी, पर अब उसकी जगह डिजिटल प्रिंट ने ले ली है। इसकी चोली में आप डिजिट प्रिंट द्वारा अलग-अलग पैटर्न देख सकते हैं। जो पहनने वाले और देखने वाले दोनों का मन मोह लेता है।
चिकन वर्क के आ रहे लहंगे
गरबा परिधान विक्रेता किरण यादव बताती हैं कि इस बार बाजार में चिकन वर्क के लहंगे भी खास तौर पर आए हैं। लहंगे पर चिकन वर्क के साथ सिक्वेंस वर्क भी किया गया है जो उसकी चमक बढ़ा देता है। इनकी बार्डर प्रिंटेड है जो उसे और भी खूबसूरत बनाती है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इनका वजन कम होता है और गरबा करने में सहजता रहती है।
इंडो-वेस्टर्न डिजाइन बनी पसंद
इस बार इंडो-वेस्टर्न स्टाइल की पोशाक की मांग बहुत है। लहंगे पर डिजिटल प्रिंट से काम होता है। इसके साथ क्राप टाप स्टाइल का स्लीवलेस टाप पहना जाता है जो बहुत सादा होता है, क्योंकि ओढ़नी डिजाइनर रहती है। इस बार फोर पीस पैटर्न की ड्रेस की भी खूब मांग है। इसमें चोली और लहंगे के साथ जैकेट और टोपी भी पहनी जाती है। डिजाइनरों ने इस चलन को ध्यान में रखते हुए काठियावाड़ी और पाटोला शैली के साथ जैकेट और टोपी तैयार की है।
ब्लैक मेटल और ऊन से बनी ज्वेलरी
गरबा ज्वेलरी विक्रेता विशाल गौड़ के अनुसार इस साल आक्सीकृत ब्लैक मेटल और ऊन से बनी पाम-पाम ज्वेलरी भी खासी लोकप्रिय है। आक्सीकृत ज्वेलरी ब्लैक मेटल से बनी होने के कारण काली नहीं पड़ती। देखने में ये काफी आकर्षक होती है। दूसरी तरफ ऊन से बनी पाम-पाम एक बार उपयोग में आती है। जो पानी या पसीने से जल्दी खराब हो जाती हैं।
कौड़ी के गहनों का बढ़ा चलन
इस साल गरबा पोशाक के साथ कौड़ी से बने अनेक गहने चलन में हैं जैसे कौड़ी हार, कौड़ी मांगटीका, कौड़ी बालियां, कौड़ी कंगन, कौड़ी कमरबंद और कौड़ी की पायल। कौड़ी से बने गहने ऐसे गहने हैं जो हर तरह की पोशाक के साथ चल जाते हैं। तरह-तरह की ज्वेलरी में राधाकृष्ण ज्वेलरी, डबल लेयर हार, जड़ाऊ ज्वेलरी, घुंघरूवाले कड़े, राजस्थानी पारंपरिक ज्वेलरी आदि भी पसंद की जा रही है।