MP DA Hike: मध्य प्रदेश अगले बजट में 64 प्रतिशत तक मिलेगा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता

मध्य प्रदेश के सात लाख से अधिक कर्मचारियों के लिए एक खुशखबर है। अगले साल आने वाले बजट में उन्हें महंगाई भत्ता बढ़कर मिलेगा। इसके साथ ही प्रदेश में पेंशनर्स को भी महंगाई राहत इसी हिसाब से दी जाएगी।

HIGHLIGHTS

  1. अभी 46 प्रतिशत की दर मिल रहा है महंगाई भत्ता।
  2. केंद्र सरकार इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर चुकी है।
  3. सीएम जल्द इसे बढ़ाने की कर सकते हैं घोषणा।

भोपाल(MP DA Hike)। मध्य प्रदेश के सात लाख से अधिक कर्मचारियों को अगले बजट (वर्ष 2025-26) में 64 प्रतिशत तक महंगाई भत्ता मिलेगा। पेंशनरों के लिए भी इसी हिसाब से महंगाई राहत का प्रविधान रखा जाएगा।

वार्षिक वेतन वृद्धि तीन प्रतिशत की दर से होगी तो संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में चार प्रतिशत की वृद्धि के हिसाब से राशि रखी जाएगी। वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि वेतन-भत्ते मद के लिए कर्मचारियों की संख्या और आगामी समय में होने वाली भर्ती के अनुसार आकलन कर प्रस्ताव प्रस्तुत करें।

56 प्रतिशत का रखा प्रविधान, 46 मिल रहा

सभी विभागों में वेतन-भत्ते के लिए बजट में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनरों की महंगाई राहत के लिए 56 प्रतिशत के हिसाब से प्रविधान रखा गया है। हालांकि, अभी 46 प्रतिशत की दर से ही महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। जबकि, भारत सरकार इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर चुकी है।

प्रदेश में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को 50 प्रतिशत की दर से ही महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। कर्मचारी भी चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि दीपावली के आसपास मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसकी घोषणा कर सकते हैं।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने 64 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते के लिए राशि रखने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार वृद्धि होती है तो आगामी वित्तीय वर्ष में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 18 प्रतिशत बढ़ जाएगा। इसके साथ ही वार्षिक वेतन वृद्धि और संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में वृद्धि के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष की तरह की प्रविधान रखा जाएगा।

योजनाओं का होगा आकलन

उधर, सभी विभागों से ऐसी सभी योजनाओं का आकलन भी कराया जा रहा है, जिनकी अब उपयोगिता नहीं है। इन्हें समाप्त करने या अन्य योजनाओं में समाहित किया जाएगा। इसके लिए सभी विभागों से एक-एक योजना का पिछले वर्षों की उपलब्धि के आधार पर आकलन करने कहा गया है।

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