भगवान विश्वकर्मा जयंती: बिलासपुर में आकर्षक पंडालों में आज विराजेंगे भगवान देवशिल्पी
हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा संसार के पहले हस्तशिल्पी कलाकार हैं। इनका जन्म कन्या संक्रांति के दिन हुआ था, इसलिए हर साल इनके जन्म तिथि पर विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है।इस दिन सिद्ध योग का निर्माण भी हो रहा है। ऐसे योग में भगवान विश्वकर्मा की पूजा का लाभ कई गुना बढ़ जाता है।
HIGHLIGHTS
- रेलवे परिक्षेत्र, एसईसीएल, मगरपारा, कुम्हारपारा समेत कई स्थानों में तैयारियां पूरी।
- रेलवे विभाग के कर्मचारियों द्वारा रेलवे परिक्षेत्र में बड़ी संख्या में पंडाल बनाया गया है।
- कारीगरों और कामगारों में भगवान विश्वकर्मा को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
बिलासपुर। भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर बिलासपुर में तैयारियां पूरी हो चुकी है और आज से पूजा-अर्चना का शुरू हो रही है। मूर्तियों की स्थापना से लेकर पंडालों की सजावट तक की तैयारियां पूरी होने पर देवशिल्पी की मूर्तियों को पंडालों में स्थापित किया जा रहा है। रेलवे विभाग के कर्मचारियों द्वारा रेलवे परिक्षेत्र में बड़ी संख्या में पंडाल बनाया गया है। वहीं इसे लेकर विशेष साज-सज्जा भी की गई है। इसी तरह एसईसीएल, मगरपारा, कुम्हारपारा सहित अन्य स्थानों पर विश्वकर्मा पूजा के लिए उत्सुकता देखी जा रही है।
मूर्तियों की स्थापना के साथ शुरू हुआ पर्व
बिलासपुर के विभिन्न क्षेत्रों में भगवान देवशिल्पी की भव्य मूर्तियों लायी जा चुकी हैं। मूर्तिकारों ने दिन-रात मेहनत कर प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया है। पंडालों की सजावट और अन्य तैयारियां पूरी होने के बाद सोमवार को ही शहर के कई प्रमुख पंडालों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमाएं स्थापित की जा चुकी हैं।
कारखानों और रेलवे वर्कशाप में पूजा की विशेष तैयारियां
बिलासपुर के कारखानों, इंडस्ट्रीज और रेलवे वर्कशाप में भगवान देवशिल्पी की पूजा के लिए विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। पंडाल सज गए हैं और आज हवन-पूजन होगा। कारीगरों और कामगारों में भगवान विश्वकर्मा को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। आज से रेलवे वर्कशाप, एसईसीएल और अन्य प्रमुख इंडस्ट्रीज में भगवान विश्वकर्मा की पूजा विधिवत रूप से की जाएगी।
बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा शाकाहारी डायनासोर
बच्चों के लिए पंडालों को बेहद आकर्षित बनाया गया है। इस बार पश्चिम लाइन विभाग में इंजीनियरिंग कर्मचारियों द्वारा बनाई गई डायनासोर 2.0 झांकी खास आकर्षण का केंद्र रहने वाली है। यह शाकाहारी डायनासोर न केवल विशाल होगा, बल्कि ध्वनि भी करेगा। जिससे बच्चों और युवाओं को रोमांचक अनुभव प्राप्त होगा। डायनासोर पूरी तरह से बांस, चटाई और अन्य वस्तुओं से तैयार किया गया है।