Peris Paralympic: कांस्य पदक जीतने पर PM मोदी ने कपिल को फोन कर दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीहोर के कपिल परमार को पैरालिंपिक में जूडो में कांस्य पदक जीतने पर फोन करके बधाई दी। कपिल ने जूडो में देश को पहला पदक दिलाया है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी मेहनत से यह उपलब्धि हासिल की।
HighLights
- कपिल ने जूडो में देश को पदक दिलाया
- 2009 में कम हो गई थी आंखों की रोशनी
- PM मोदी ने कपिल परमार को दी बधाई
सीहोर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सीहोर के कपिल परमार को पैरालिंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए फोन करके बधाई दी। पीएम मोदी ने कपिल से कहा- आपने सीहोर ही नहीं, पूरे देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। आपकी वजह से आज पूरी दुनिया भारत की जय-जयकार कर रही है।
हमें और देश को उस समय बहुत गर्व होता है, जब आप जैसे युवा देश के लिए मेडल लाते हैं। आप हमारे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। प्रधानमंत्री ने कपिल से यह भी कहा कि आपकी इस सफलता में आपके कोच का अविस्मरणीय योगदान है। एक कोच ही होता है, जो किसी व्यक्ति की खूबियों और क्षमताओं को पहचान कर उन्हें बढ़ाने और मजबूत करने का काम करता है।
पैरालिंपिक में जूडो में देश को पहला पदक
बता दें कि कपिल परमार ने पैरालिंपिक में जूडो में देश को पहला पदक दिलाकर इतिहास रच दिया है। सीहोर जिले के मुरली गांव के निवासी कपिल परमार चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। साल 2009 में बिजली का करंट लगने के कारण उनकी आंखों की रोशनी 80 प्रतिशत चली गई थी। पिता पहले टैक्सी ड्राइवर थे, अब पशुपालन का कार्य करते हैं।
कपिल ने विपरीत परिस्थितियों में जूडो खेलना प्रारंभ किया। वह अब तक 17 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अब तक आठ स्वर्ण पदक सहित कुल 13 अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं।
उन्होंने अपने पहले पैरालिंपिक में ही कांस्य पदक और जूडो में देश का पहला पदक जीतकर पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन कर दिया है। कपिल का मुकाबला ब्राजील के खिलाड़ी एलिल्टन डी ओलीवेरिया के मध्य कांस्य पदक के लिए खेला गया था, जिसमें 10.0 से कपिल ने मुकाबला जीतकर कांस्य पदक हासिल किया।
आज पूरा देश बन गया कपिल की आंखें
कपिल की मां धनकुंवर परमार ने बताया कि कपिल की बात जब प्रधानमंत्री से हुई तो उसने फोन करके यह जानकारी दी। वह बेहद खुश था। बोला- पापा मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अगली बार देश के लिए स्वर्ण पदक दिलाने का वादा किया है। मोदी ने कहा कि तुम देश के युवाओं के लिए आदर्श हो। इसके बाद वह भावुक हो गया।
मां धनकुंवर ने कहा कि हमारी गरीबी कपिल के साहस से छोटी पड़ गई। उसने खुद अपने अभ्यास का खर्च निकालने के लिए चाय की दुकान चलाई। जिला प्रशासन से लेकर कई लोगों ने उसे आगे बढ़ाने में मदद की। आज पूरा देश कपिल की आंखें बन गया है। इससे बड़ा भावुक पल मेरे लिए क्या हो सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उससे बातकर हौसला बढ़ाया है।
कुश्ती में देश के लिए पदक जीतना चाहते थे कपिल
कपिल के पिता राम सिंह परमार ने बताया कि कपिल बचपन में कुश्ती खेलता था और ओलिंपिक में खेलकर देश को पदक दिलाना चाहता था, ऐसे में करंट की चपेट में आने से उसकी उम्मीद टूटती नजर आ रही थी, लेकिन मन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक की चाह से एक आंख की रोशनी जाने व दूसरी आंख से भी कम दिखने के बाद भी उसने अलिंपिक में खेलने का सपना पूरा करने पैरालिंपिक में शामिल जूडो के अभ्यास में जुट गया। उसने सीहोर सहित भोपाल के तात्या टोपे स्टेडियम में अभ्यास किया।