चश्‍मा पहनकर PM मोदी से मुलाकात करने पर सुर्खियों में आए थे IAS अमित कटारिया, पांच साल बाद फिर लौटे छत्‍तीसगढ़

आईएएस अधिकारी अमित कटारिया 2016 सुर्खियों में आए थे जब उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काला चश्‍मा पहनकर हाथ मिलाया था। आईएएस अमित कटारिया केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पूरी होने के बाद पांच साल बाद फिर छत्‍तीसगढ़ लाैट आए हैं। उन्होंने मंत्रालय में ज्वाइनिंग दी है।

HighLights

  1. रायगढ़ और गरियाबंद में कलेक्टर रह चुके हैं अमित कटारिया।
  2. ईमानदार और कुशल अफसर के तौर पर है अमित की पहचान।
  3. नौकरी के शुरुआती दौर में केवल एक रुपए तनख्वाह लेते थे IAS।

रायपुर। आईएएस अधिकारी अमित कटारिया केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की समाप्ति के बाद छत्तीसगढ़ वापस लौट आए हैं। उन्होंने मंगलवार को मंत्रालय में अपनी ज्वाइनिंग दी और राज्य प्रशासन में अपने कार्यकाल की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्य सचिव अमिताभ जैन से मुलाकात की।

कटारिया की वापसी के साथ ही राज्य प्रशासन को एक और वरिष्ठ सचिव स्तर का अधिकारी मिल गया है। उनकी वापसी से राज्य प्रशासन को अनुभव और नेतृत्व का लाभ मिलेगा, और इसके साथ ही प्रशासनिक कार्यों में तेजी की उम्मीद की जा रही है।

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सुर्खियों में आए थे IAS अमित कटारिया

अमित कटारिया 2016 में तब सुर्खियों में आए थे जब बस्‍तर में वो कलेक्‍टर पद पर थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी बस्तर का दौरा करने आए, तब आईएएस अमित कटारिया ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान काला चश्‍मा पहन रखा था, जो कि सरकारी प्रोटोकॉल के खिलाफ था। इस घटना को लेकर विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।

कौन है आईएएस अमित कटारिया

आईएएस अमित कटारिया अपनी ईमानदारी और उत्कृष्ट कार्यशैली के लिए पहले से ही काफी चर्चित रहे हैं। 2004 बैच के इस अधिकारी को एक कुशल प्रशासनिक अफसर माना जाता है। वे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और गरियाबंद जिलों में कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जहां भी सरकार ने उनकी आवश्यकता महसूस की, उन्होंने वहां अपनी जिम्मेदारियों को निभाया।

सत्ताधारी दल के नेताओं से अनबन से भी सुर्खियों में रहे

अमित कटारिया की सत्ताधारी दल के नेताओं से अनबन भी चर्चा का विषय रही है। वर्ष 2011 में जब वे रायगढ़ में कलेक्टर थे, तो उनका भाजपा नेता रोशनलाल अग्रवाल के साथ विवाद हुआ था। रोशनलाल अग्रवाल वर्तमान में विधायक हैं। इसके अलावा, रायपुर नगर निगम कमिश्नर के पद पर रहते हुए कटारिया की तत्कालीन महापौर सुनील सोनी से भी बहस हो गई थी।

आईआईटी दिल्ली से की बी-टेक की पढ़ाई

कटारिया ने अपनी शिक्षा आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक्स में बी-टेक की है। पढ़ाई के दौरान उन्हें कई प्रमुख कंपनियों से बड़े पैकेज पर नौकरी के ऑफर मिले थे, लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सेवा को चुना। अमित कटारिया के परिवार का दिल्ली और उसके आसपास रियल एस्टेट का व्यवसाय है, और उनकी पत्नी एक पेशेवर पायलट हैं।नौकरी के शुरुआती दौर में आईएएस कटारिया केवल एक रुपए तनख्वाह लेते थे।

इन IAS अधिकारियों की भी होगी वापसी

आईएएस रजत कुमार भी गुरुवार को अपनी ज्वाइनिंग करेंगे, जबकि आईएएस डॉ. रोहित यादव भी जल्द ही लौटने वाले हैं। इन अधिकारियों की वापसी से राज्य प्रशासन में सचिव स्तर की महत्वपूर्ण पदों पर रिक्तियां पूरी हो जाएंगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुबोध सिंह और एलेक्स पाल मेनन की भी वापसी की चर्चाएं चल रही हैं। पिछले आठ महीनों में चार आईएएस अधिकारी राज्य में लौट चुके हैं, जिनमें एसीएस ऋचा शर्मा, प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, सचिव अविनाश चंपावत, और ऋतु सेन शामिल हैं।

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