CG News: छत्‍तीसगढ़ के 30 हजार स्कूलों की करानी थी मरम्मत, संवारे सिर्फ आठ हजार, जानिए वजह"/>

CG News: छत्‍तीसगढ़ के 30 हजार स्कूलों की करानी थी मरम्मत, संवारे सिर्फ आठ हजार, जानिए वजह

HIGHLIGHTS

  1. रायपुर जिले में भी स्कूल जतन योजना में नहीं सुधार पाए आधे स्कूल

रायपुर। कांग्रेस सरकार में शुरू की गई मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में आधे से अधिक स्कूलों की मरम्मत नहीं हो पाई है। राज्य में स्कूली भवनों का नवीनीकरण करने के लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत स्कूलों का जीर्णोद्धार करने के साथ ब्लैक बोर्ड, रंगरोगन, खेल मैदान आदि को व्यवस्थित करना था यानी स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के स्कूल भवनों की तरह अन्य स्कूलों के भी भवन को चमकना था।

इन स्कूल भवनों की मरम्मत करने के बाद इनकी दीवारों को गोबर पेंट से पोतना था। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत न केवल शाला भवन की मरम्मत और उनका नवीनीकरण किया जा रहा है, बल्कि अतिरिक्त कक्ष का निर्माण भी कराया जा रहा है। प्रदेश के 30 हजार स्कूलों की मरम्मत करनी थी। एक साल सिर्फ आठ हजार स्कूलों का मरम्मत कार्य हो सका।

अधिकारियों का कहना है कि ग्रीष्मकालीन बचे हुए स्कूलों की मरम्मत कराई जाएगी। यह स्थिति रायपुर जिले में भी ठीक नहीं है। स्कूली बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के क्रम में आधारभूत व्यवस्थाओं को मजबूत करना है। सर्व सुविधायुक्त स्कूल से विद्यार्थियों को शिक्षा का अच्छा वातावरण मिलता है। अच्छा वातावरण निश्चित रूप से विद्यार्थियों के मानसिक दबाव को कम कर अच्छी शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करता है।

रायपुर जिले में स्थिति ठीक नहीं

रायपुर जिले में लगभग एक हजार स्कूलों का कायाकल्प करना था, लेकिन आधे से कम ही हुए हैं। बताया जाता है कि जिन स्कूलों का चयन किया था, वह शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादा था। यानी पुराने स्कूल शामिल था। वहां टाइल्स, शौचालय, स्कूल में बाउंड्रीवाल, पेयजल आदि की व्यवस्था करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

एक हजार करोड़ रुपये किए थे मंजूर

पिछली सरकार ने विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से जो फीडबैक मिले थे, उसके आधार पर स्कूल भवनों की मरम्मत और रखरखाव के लिए लगभग एक हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। बताया जाता है कि प्रदेश में 30 हजार सरकारी स्कूलों में 50 प्रतिशत स्कूलों में अतिरिक्त भवन और ज्यादातर में मरम्मत की जरूरत है। बारिश के दिनों में कई भवनों की छत से पानी भी टपकता है। इसके अलावा नक्सल प्रभावित इलाकों में नए सिरे से स्कूल भवन बनाने की जरूरत है, ताकि बच्चे पढ़ सकें।

डीईओ रायपुर हिमांशु भारतीय ने कहा, बजट के हिसाब में रायपुर जिले में कई स्कूलों रंगाई-पोताई, दीवारों का रंगरोगन, छतों का सुधार कार्य करवाया है। साथ ही शौचालयों की मरम्मत के साथ स्कूल की साज-सज्जा भी की जा रही है।

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