Mudra Loan: अब 20 लाख रुपये तक ले सकते हैं मुद्रा लोन, उद्यमीमित्र पोर्टल पर भी कर सकेंगे आवेदन
केंद्र सरकार ने छोटे और लघु उद्योगों के लिए मुद्रा लोन योजना को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है। इसके पहले मुद्रा लोन की सीमा केवल 10 लाख रुपये ही थी। हालांकि 20 लाख रुपये का लोन केवल उन्हीं को दिया जाएगा जिन्होंने पहले लिया 10 लाख रुपये का लोन समय पर चुकाया हो।
HighLights
- प्रधानमंत्री मुद्रा लोन किसी भी बैंक की शाखा से लिया जा सकता है।
- बैंकों द्वारा लोन जारी करने के लिए नई व्यवस्था भी बनाई जा रही है।
- इन योजनाओं से छोटे और लघु उद्यमियों को काफी राहत मिलेगी।
रायपुर (Mudra Loan)। छोटे व लघु उद्योगों को केंद्र सरकार द्वारा बड़ी राहत दी गई है, इसके तहत अब मुद्रा लोन की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। अब तक मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख थी। इसमें उन्हीं लोगों को 20 लाख का लोन मिलेगा, जिन्होंने पहले 10 लाख का लोन लेकर चुका दिया है। केंद्रीय बजट में इसका प्राविधान भी किया गया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के अंतर्गत मुद्रा लोन किसी भी बैंक, एनबीएफसी, एमएफआई आदि के नजदीकी शाखा कार्यालय से लिया जा सकता है। साथ ही उद्यमीमित्र पोर्टल पर भी आवेदन किया जा सकता है।
बैंक लोन जारी करने के लिए नई व्यवस्था भी बनाई जा रही है। वहीं अब खरीदारों को भी ट्रेडर्स प्लेटफार्म में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इसके तहत कारोबार की सीमा 500 करोड़ से घटाकर 250 करोड़ किया जाएगा। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने बताया कि इन योजनाओं से छोटे व लघु उद्यमियों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही एमएसएमई की रफ्तार भी बढ़ेगी।
इन्हें मिलेगी सहायता
एमएसएमई के क्षेत्र में उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। इसके तहत 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरिडिएशन यूनिट स्थापित करना होगा। उद्यमियों का कहना है कि इससे छोटे व लघु उद्योगों को काफी राहत मिलेगा।
45 दिन में करना होगा भुगतान, नहीं तो आय में जुड़ेगा
आयकर अधिनियम की धारा 43 बी(एच) के अनुसार अगर कोई बड़ी कंपनी किसी एमएसएमई को समय पर भुगतान नहीं करती है, तो लिखित समझौते के मामले में 45 दिनों के भीतर तो वह उस खर्च को अपनी कर योग्य आय से नहीं घटा सकेगा। यानि वह राशि उसके आय में जोड़ी जाएगी।
रविवार से बदलेगा जीएसटी का नियम
एक सितंबर से जीएसटी करदाताओं के लिए नया नियम लागू हो जाएगा। नए नियम के तहत करदाताओं को पंजीकरण मिलने के 30 दिनों के भीतर अपने वैध बैंक खाते का विवरण जीएसटी पोर्टल में अपलोड करना होगा। अगर करदाताओं ने ऐसा नहीं किया तो करदाता जीएसटीआर-1 फार्म नहीं भर पाएंगे।
जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि इस नियम को लागू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि जीएसटी चोरों पर लगाम कसी जा सके। अभी जीएसटी द्वारा कर कर चोरों को पकड़ने विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है।
जीएसटीएन ने पिछले सप्ताह इस संबंध में एडवाइजरी करते हुए जीएसटी के नियम 10ए के अनुसार करदाता को पंजीकरण की तारीख से 30 दिन के भीतर वैध खाते का विवरण देना अनिवार्य किया है। 300 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ाई: बीते सात महीनों में प्रदेश में जीएसटी विभाग द्वारा 300 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी है।
इसके साथ ही करीब 17 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। टैक्स चोरों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है,जो 15 अक्टूबर तक चलेगा। यह अभियान फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी करने वालों के साथ ही नियमों के पालन में लापरवाही करने वाले करदाताओं के खिलाफ भी है।