NMDC पर दंतेवाड़ा कलेक्टर का बड़ा एक्‍शन, 1620 करोड़ रुपये का लगाया जुर्माना, प्रबंधन ने आदेश को किया खारिज

दंतेवाड़ा कलेक्टर ने राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) पर बड़ा एक्‍शन लिया है। कलेक्‍टर ने कंपनी पर लौह अयस्क खनन परियोजना में विभिन्न अनियमितताओं के लिए 6 अरब 20 करोड़ रुपये से अधिक का अर्थदंड लगाया गया है।

HIGHLIGHTS

  1. उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण नियमों के उल्लंघन का आरोप।
  2. अभी किरंदुल परियोजना पर हुई कार्रवाई, बचेली पर भी नजर।
  3. अर्थदंड की राशि जमा करने के लिए 15 दिनों का दिया समय।

 जगदलपुर। दंतेवाड़ा कलेक्टर ने एनएमडीसी (NMDC) पर 1,620 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। आरोप है कि किरंदुल स्थित लौह अयस्क खनन परियोजना में अनियमितताएं की गई हैं। कंपनी पर छत्तीसगढ़ खनिज (उत्खनन, परिवहन व भंडारण) नियम 2009 के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।

कलेक्टर के आदेश के अनुसार अधिशासी निदेशक किरंदुल परियोजना को 12 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसका जवाब कंपनी की ओर से दिया गया था, जिसे संतोषजनक नहीं मानते हुए 16 अरब 20 करोड़, 49 लाख 52 हजार 482 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।

 

बता दें कि किरंदुल में एनएमडीसी की डिपाजिट-11 रकबा 874.924 हेक्टेयर, डिपॉजिट-14 रकबा 322.368 व डिपाजिट-14 रकबा 506.742 हेक्टेयर है। अर्थदंड की राशि जमा करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है।

जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा कंपनी की बचेली स्थित खनन परियोजना इकाई में भी जांच कराई जा रही है। आगे चलकर यहां भी कार्रवाई की जा सकती है। विदित हो कि एनएमडीसी सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी लौह अयस्क उत्पादक कंपनी है। बचेली-किरंदुल में कंपनी 1967-68 से खनन कर रही है।

आरटीपी के बिना लौह अयस्क परिवहन का मामला

एनएमडीसी पर लगे जुर्माने में सर्वाधिक राशि आरटीपी (रेलवे ट्रांजिट पास) से जुड़ी बताई गई है। जिला प्रशासन का आरोप है कि आरटीपी जारी होने से पहले ही लौह अयस्क भरकर मालगाड़ियां रवाना कर दी जाती हैं। दूसरी ओर एनएमडीसी के अधिकारियाें का कहना है कि तकनीकी रूप से लौह अयस्क ग्रेड को अंतिम रूप देने में समय लगता है।

जिससे आरटीपी के निर्माण में दो से तीन दिनों की देरी होती है पर इससे सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं होता है। हैदराबाद स्थित एनएमडीसी मुख्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार रायल्टी मूल्यांकन के समय हर छह महीने में इन अभिलेखों का सत्यापन करती है और राज्य सरकार ने आपत्ति नहीं उठाई है।

जवाब संतोषजनक नहीं

 

दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा, खनिज विभाग द्वारा किरंदुल परियोजना क्षेत्र की जांच कराई गई थी। जांच में खनिज नियमाें के उल्लंघन का मामला आया है। जिसके लिए कंपनी पर अर्थदंड आरोपित किया जाकर 15 दिनाें में राशि जमा करने निर्देशित किया गया है।

अनियमितता के आरोप गलत

मुख्य महाप्रबंधक संचार एनएमडीसी मुख्यालय हैदराबाद जयप्रकाश ने कहा, कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस के जवाब में सभी आरोपों पर स्थिति स्पष्ट की गई है। किरंदुल परियोजना की खनन इकाइयों में अनियमितता एवं खनिज नियमाें के आरोप सही नहीं है। एनएमडीसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है नियमों का पूरी तरह से पालन करने प्रतिबद्ध है।

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