रेल पटरी पार करना अपराध, जान को खतरा
रेलवे के लिए यह जटिल समस्या है। जिसे दूर करने के लिए प्रशासन समय-समय पर अभियान भी चलाता है। अभी भी यहीं किया जा रहा है। इसमें लोगों को रेल पटरी पार करने के खतरों के बारे में बताया जा रहा है। आगे भी स्कूल, कालेजों में विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा अलग- अलग स्थानों पर चेतावनी संकेत, बैनर-पोस्टर आदि लगाए जाएंगे।
HIGHLIGHTS
- अभियान चलाकर रेलवे आम यात्रियों को कर रहा सचेत
- लोगों को रेल पटरी पार करने के खतरों के बारे में बताया
- इस तरह के मामले में आरपीएफ लगा सकती है जुर्माना
बिलासपुर। रेल पटरी पार करना (ट्रेस पासिंग) एक गंभीर अपराध है, जो न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह जानलेवा भी हो सकता है। इससे ट्रेन की चपेट में आने खतरा बना रहता है। साथ ही इस प्रकार की गतिविधि से रेल संरक्षा एवं परिचालन भी प्रभावित होता है। यात्रियों को समझाया जा रहा है कि इस तरह के मामले में आरपीएफ जुर्माना लगा सकती है। साथ उसके खिलाफ रेल अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है ।
इन उपायों पर रहेगा जोर
- रेलवे पटरियों के किनारे मजबूत फेंसिंग या बैरीकेड्स लगाए जाएंगे हैं, ताकि लोग अनधिकृत रूप से पटरियों पर न जा सकें। यह फेंसिंग विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाले इलाकों और संवेदनशील जगहों पर लगाई गई है। जहां बच गए हैं, उन्हें भी घेराबंदी की जाएगी।
- पटरियों को पार करने के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने के लिए रेलवे द्वारा कई स्थानों पर फुट ओवरब्रिज और अंडरपास बनाए गए हैं। इससे लोग आसानी से और सुरक्षित तरीके से पटरियों को पार कर सकते हैं।
- बड़े रेलवे स्टेशनों पर विशेष पाथवे का निर्माण किया गया है, जहां निर्माण नहीं हुआ है, उन जगहों को चिंहित कर पाथ-वे बनाए जाएंगे।
- रेलवे स्टेशन और पटरियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिनकी मदद से ट्रेस पासिंग करने वालों की पहचान व समझाइश दी जा रही है। इसके बाद भी नहीं मानते है तो उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
- रेलवे सुरक्षा बल एवं रेलवे पुलिस द्वारा नियमित रूप से पटरियों और स्टेशनों के आसपास गश्त की जा रही है। साथ ही स्टेशनों पर पब्लिक एनाउंस सिस्टम द्वारा पटरी पार नहीं करने के संदेश प्रसारित किए जाएंगे।