Unified Pension Scheme: यूनिफाइड पेंशन स्कीम के पक्ष में मप्र के कर्मचारी, नई योजना में है 4.5 लाख से ज्यादा कर्मचारी

मध्य प्रदेश के कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन स्कीम के पक्ष में हैं, जो न्यूनतम और पारिवारिक पेंशन की गारंटी देती है। सरकार योजना को लागू करने से पहले वित्त विभाग से परीक्षण कराएगी। कर्मचारियों ने इसे स्वीकार कर लिया है और पुराने पेंशन की समस्याओं को दूर करने की मांग की है।

HighLights

  1. नई पेंशन स्कीम में न्यूनतम पेंशन व परिवार पेंशन की गारंटी।
  2. सरकार वित्त विभाग से योजना के प्रभाव का परीक्षण करेगी।
  3. कर्मचारी संगठनों ने न्यू पेंशन स्कीम के लाभ की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, ओल्ड पेंशन स्कीम की काट में भारत सरकार की ओर से लाई जाने वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर मध्य प्रदेश के कर्मचारी उत्साहित हैं। कर्मचारी नेताओं के अनुसार, नई स्कीम में न्यूनतम पेंशन की गारंटी के साथ वे सभी सुविधाएं मिलेंगी, जो राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन में मिलती है।

कर्मचारी संगठनों ने किया स्वागत

यही कारण है कि सभी कर्मचारी संगठन ने न केवल इसका स्वागत किया है बल्कि सरकार से मांग भी की है कि न्यू पेंशन स्कीम में प्रदेश के जो साढ़े चार लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी हैं, उन्हें इसका लाभ दिया जाए। नई योजना को प्रदेश में लागू करने से पहले इससे खजाने पर पड़ने वाले असर का परीक्षण सरकार वित्त विभाग से कराएगी।

न्यू पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम

न्यू पेंशन स्कीम वर्ष 2004 से लागू है। इसमें कर्मचारियों को 10 प्रतिशत अंशदान देना होता है। सरकार अपनी ओर से 14 प्रतिशत राशि मिलाती है। सेवानिवृत्त होने पर इसी राशि से पेंशन बनती है, जो ओल्ड पेंशन की तुलना में कम रहती है। इसी कारण से इसका विरोध हुआ और चुनाव में मुद्दा भी बना। अब भारत सरकार जो यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आई है, उसमें न्यू पेंशन स्कीम की सभी कमियों को दूर किया गया है।

नई योजना में कोई बुराई नहीं है। यह गारंटी देती है कि न्यूनतम और पारिवारिक पेंशन मिलेगी। 25 वर्ष की सेवा पूरी होने पर पूर्ण पेंशन बनेगी। ओल्ड पेंशन स्कीम में 33 वर्ष की सेवा पूरी होने पर पूर्ण पेंशन का प्रावधान है, जिसमें अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत मिलता है। केवल यह बात अलग है कि नई योजना में कर्मचारियों को 10 प्रतिशत अंशदान देना होगा, जो ओल्ड पेंशन स्कीम में नहीं है। – सुधीर नायक, संरक्षक व अध्यक्ष, मंत्रालयीन अधिकारी-कर्मचारी महासंघ

प्रदेश में नई स्कीम लागू करने की मांग मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पत्र लिखकर योजना को मध्य प्रदेश में भी लागू करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार मूल वेतन का साढ़े 18 प्रतिशत अंशदान अपने खाते से जमा करेगी। न्यू पेंशन स्कीम के जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा।

इसी तरह संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष रमेश राठौर ने निगम, मंडल और सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी के लिए भी लागू करने की मांग की। उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि योजना का मध्य प्रदेश के संदर्भ में वित्त विभाग से परीक्षण कराकर नीतिगत निर्णय लिया जाएगा।

20 वर्ष की सेवा में मिले पूरी पेंशन

हालांकि आल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव का कहना है कि योजना में संविदा और आउटसोर्स वाले कर्मचारियों का कोई उल्लेख नहीं है। इस पर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, क्योंकि सभी विभागों में इनकी संख्या अधिक है। इसके साथ ही पूर्ण पेंशन के लिए 25 के स्थान पर 20 वर्ष का प्रावधान करके लागू किया जाए।

 

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