Premanand Maharaj: जब होने वाला था प्रेमानंद महाराज का एक्सीडेंट… ‘राधे-श्याम’ बोलते ही बच गई जान, संत ने बताई घटना
प्रेमानंद महाराज को सुनने वाले की संख्या लाखों में हैं। कई कथाओं के माध्यम से वे लोगों को जीवन बेहतर बनाने की शिक्षा देते हैं। साथ ही उन्होंने उनके जीवन से जुड़े भी कई किस्से बताएं हैं। ऐसा ही किस्सा प्रेमानंद महाराज ने उनके एक्सीडेंट से जुड़ा भी बताया है।
HighLights
- गिरिराज की परिक्रमा कर लौट रहे थे प्रेमानंद महाराज
- वाहन चलाते समय उनके ड्राइवर को आ गई थी नींद
- डिवाइडर पर गाड़ी चढ़ाने के बाद भी नहीं आई खरोंच
धर्म डेस्क, इंदौर (Premanand Maharaj)। प्रेमानंद महाराज प्रसिद्ध कथावाचक और संत हैं। दूर-दूर से रोजाना बड़ी संख्या में भक्त उनके प्रवचन सुनने वृंदावन आते हैं। प्रेमानंद महाराज जीवन दर्शन से जुड़ी कई बातें बताते हैं, जिसमें मांस-मदिरा से दूर रहने, भगवान की भक्ति करने और जीवन को सरल करने के कई उपाय भी महाराज ने बताएं हैं।
कथा के दौरान प्रेमानंद महाराज उनके जीवन से जुड़े भी कई घटनाक्रम बताते हैं। ऐसा ही एक किस्सा उन्होंने उनके एक्सीडेंट से जुड़ा बताया है और यह भी बताया कि कैसे उनकी जान बच गई थी।
क्या था घटनाक्रम
प्रेमानंद महाराज ने अपनी कथा के दौरान बताया कि वे एक बार गिरिराज की परिक्रमा लगाकर आ रहे थे। उस समय रात के करीब 2 से 2:30 बज रहे थे। इस बीच उनके ड्राइवर को नींद लग गई और डिवाइडर पर गाड़ी चढ़कर आधी पलट गई। इस हादसे के बाद भी प्रेमानंद महाराज को एक खरोंच तक नहीं आई।
ऐसे बची जान
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जैसे ही गाड़ी डिवाइडर पर चढ़ी, उन्होंने राधे-श्याम नाम पुकारा। इसके बाद गाड़ी तुरंत बंद हो गई और ड्राइवर की भी नींद खुल गई। महाराज बताते हैं कि इस दौरान ना गाड़ी पूरी पलटी और ना ही कोई पीछे से वाहन आया। डिवाइडर पर चढ़ते ही गाड़ी बंद कैसे हुई इस बारे में ड्राइवर को भी नहीं पता था। महाराज कहते हैं कि यदि गाड़ी बंद नहीं होती तो वह पलट सकती थी। राधा का नाम जपने से कोई बड़ी घटना नहीं हुई।
जरूर लें राधा नाम
प्रेमानंद महाराज कहते हैं घर से निकलते समय या विशेष संकट अथवा विशेष परिस्थिति में राधा नाम पुकारा चाहिए। इससे कोई संकट नहीं आता है।