Krishna Janmashtami 2024: 10 साल बाद बन रहा संयोग… केशवदेव मंदिर और जन्म स्थान पर एक ही दिन मनेगा श्रीकृष्ण जन्‍मोत्‍सव

श्रीकृष्ण की स्‍थली ब्रज में भी जन्‍माष्‍टमी पर्व की तैयारियां शुरू हो गई है। केशवदेव मंदिर में एक दिन पूर्व श्री कृष्‍णजन्‍मोत्‍सव मनाने की परपंरा है, लेकिन इस बार अष्‍टमी तिथि 26 अगस्‍त को शुरू होकर उसी दिन समाप्‍त हो रही है। ऐसे में इस वर्ष केशवदेव मंदिर और जन्‍मस्‍थान पर एक ही दिन जन्‍माष्‍टमी पर्व मनेगा।

HIGHLIGHTS

  1. 26 अगस्त को धूमधाम से मनेगा श्री कृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव
  2. केशवदेव मंदिर में एक दिन पूर्व मनती है जन्‍माष्‍टमी
  3. जन्‍मस्‍थान पर उदयातिथि पर मनता है जन्‍मोत्‍सव

ब्यूरो, मथुरा (Krishna Janmashtami Kab Hai)। श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी पर्व इस वर्ष 26 अगस्त (Shree Krishna Janmashtami Date) को मनाई जाएगी। इसके लिए कान्हा के मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है। श्रीकृष्ण की स्थली ब्रज में भी जन्‍माष्‍टमी पर खासा उल्लास देखने को मिलेगा। इस बार प्राचीन केशवदेव मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर एक ही दिन कृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव मनाया जाएगा। यह 10 साल में पहली बार होगा जब दोनों स्थानों पर एक साथ यह पर्व मनेगा।

क्या है परंपरा

केशवदेव मंदिर (Keshav Dev Mandir) में अजन्मे के जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। यानी यहां जन्‍माष्‍टमी के एक दिन पूर्व ही श्रीकृष्ण जन्‍मोत्‍सव मना लिया जाता है। यह उत्‍सव भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। जबकि इसके अगले दिन जन्‍मस्‍थान पर जन्‍माष्‍टमी मनाई जाती है।

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क्यों निभाई जाती है ये परंपरा

जिस दिन अष्टमी तिथि की शुरुआत होती है, उसी दिन प्राचीन केशवदेव मंदिर में जन्‍मोत्‍सव मना लिया जाता है। जबकि, जन्‍मस्‍थान पर उदया तिथि को महत्व दिया जाता है। ऐसे में यहां अगले दिन जन्‍माष्‍टमी मनती है।

एक ही दिन है तिथि

इस वर्ष अष्टमी तिथि का आरंभ और समापन एक ही दिन है। 26 अगस्त को सुबह 3.39 बजे अष्टमी शुरू होगी और रात 2.19 बजे तक रहेगी। ऐसे में केशवदेव मंदिर और जन्‍मस्‍थान पर एक ही दिन जन्‍मोत्‍सव मनेगा।

 

देर रात हुआ था श्रीकृष्ण का जन्म

श्री कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। श्री कृष्ण का जन्मोत्सव देर रात को मनाया जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म देर रात को हुआ था। इस दौरान आप भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर सकते हैं। इस दिन हर्षण और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। अष्टमी तिथि को शिव वास योग का भी निर्माण हो रहा है। ऐसे में 26 अगस्त को ही जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा।

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