Wrestler Aman Sehrawat: 11 साल की उम्र में अनाथ हो गए थे अमन सहरावत… माता-पिता और देश के नाम किया अपना ओलंपिक पदक
अमन सहरावत ओलंपिक पदक जीतने वाले भारत के सातवें पहलवान बन गए हैं। इससे पहले केडी जाधव (1952 में कांस्य), सुशील कुमार (2008 में कांस्य और 2012 में रजत), योगेश्वर दत्त (2012 में कांस्य), साक्षी मलिक (2016 में कांस्य), बजरंग पुनिया (2020 में कांस्य) और रवि दहिया (2020) यह कारनामा कर चुके हैं।
HIGHLIGHTS
- अमन ने 57 किलो भार वर्ग में जीता ब्रॉन्ज
- इस बार कुश्ती में देश का पहला पदक
- पेरिस ओलंपिक में भारत का छठा मेडल
एजेंसी, पेरिस (Paris Olympics 2024)। पेरिस ओलंपिक में भारत को एक और पदक मिला है। कुश्ती में 21 साल के अमन सहरावत ने पुरुषों की 57 किग्रा भार वर्ग प्रतियोगिता में प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर कांस्य जीता।
अमन सहरावत ने कांस्य पदक अपने दिवंगत माता-पिता और भारत को समर्पित किया। 11 साल की उम्र में उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया था। उन्होंने मुकाबला जीतने के बाद कहा, ‘मेरे माता-पिता हमेशा चाहते थे कि मैं पहलवान बनूं। वे ओलंपिक के बारे में कुछ नहीं जानते थे, लेकिन चाहते थे कि मैं देश के लिए पदत जीतूं। मैं यह पदक अपने माता-पिता और देश को समर्पित करता हूं।’ बता दें, अमन जब 11 साल के थे, तब उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया।
ओलंपिक में पदक जीतने वाले सबसे युवा भारतीय
- अमन सहरावत ने 21 साल 0 महीने और 24 दिन की उम्र में पदक जीता।
- इस तरह वे सबसे कम उम्र में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले भारतीय बने।
- इससे पहले यह रिकॉर्ड पीवी सिंधु के नाम था, जिन्होंने 2016 में पदक जीता था।
- रियो ओलंपिक 2016 में पीवी सिंधु की उम्र 21 साल 1 महीने और 14 दिन थी।