Mahakaal Sahasranaam Stotram: श्रीकृष्ण ने दरिद्रता दूर करने के लिए सुदामा को सुनाया था महाकाल सहस्रनाम, उज्जैन में विराजे हैं ऋणमुक्तेश्वर महादेव
महाकाल की नगरी उज्जैन में 84 महादेव के मंदिर हैं। इनमें श्री ऋणमुक्तेश्वर महादेव का मंदिर श्रीकृष्ण और सुदामा से जुड़ा है। यहां भगवान ने जिस वट वृक्ष के नीचे सुदामा को महाकाल सहस्रनाम सुनाया था, वो वृक्ष आज भी मौजूद है। यहीं पर राजा हरिश्चंद्र को सभी ऋणों से मुक्ति मिली थी।
HIGHLIGHTS
- उज्जैन के जूना सोमवारिया क्षेत्र में स्थित है श्री ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर।
- सावन माह में यहां पर हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजन के लिए आते हैं।
- मान्यता है कि यहां पूजन करने से सभी प्रकार के ऋणों से मुक्ति मिलती है।
उज्जैन(Mahakaal Sahasranaam Stotram)। उज्जैन शहर के जूना सोमवारिया स्थित श्री ऋणमुक्तेश्वर महादेव का मंदिर देशभर के हजारों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह वहीं स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने वट वृक्ष के नीचे सुदामाजी को दरिद्रता निवारण के लिए श्री महाकाल सहस्त्रनाम स्तोत्र सुनाया था।
शोधकर्ताओं का दावा है कि मंदिर परिसर में वह वट वृक्ष आज भी मौजूद है। राजा हरिश्चंद्र ने भी यहां ऋण मुक्ति के लिए आराधना की थी। श्रावण मास में प्रतिदिन सैकड़ों भक्त यहां दर्शन पूजन करने पहुंच रहे हैं।
विद्या अध्ययन के लिए उज्जैन आए थे श्रीकृष्ण
अश्विनी शोध संस्थान के अध्यक्ष आरसी ठाकुर के अनुसार उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण से संबंधित ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों की खोज की जा रही है, जहां वे विद्या अध्ययन करने के दौरान गए थे। ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर भी इन्हीं में से एक है।
यहां भगवान ने अपने सखा सुदामाजी को दरिद्रता निवारण के लिए श्री महाकाल सहस्त्रनाम स्तोत्र सुनाया था। खोज में यह बात भी सामने आई है, कि भगवान ने जिस वट वृक्ष की नीचे सुदामाजी का स्तोत्र सुनाया था वह आज भी वहीं मौजूद है और लोक आस्था का महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है।
ऋण से मुक्ति के लिए पूजन करने आते हैं भक्त
देशभर से भक्त आज भी ऋण मुक्ति के लिए भगवान ऋण मुक्तेश्वर महादेव का दर्शन व पूजन करने आते हैं। भक्त इस वट वृक्ष के समीप धागा भी बांधते हैं।
यह मंदिर उज्जैन के 84 महादेव मंदिरों में से एक है। उज्जैन में महाकाल के दर्शन को आने वाले श्रद्धालु यहां भी भोलेनाथ के पूजन के लिए आते हैं।