खत्म होगा कर्ज का झंझट… लौट आएगी पहले जैसी खुशियां, बस इन बातों का रखना होगा ध्यान

कई बार देखने में आता है कि लोग जरूरत न पड़ने पर भी कर्ज ले लेते हैं, जिसका आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। समय पर कर्ज न चुकाने पर कर्जदार का सिबिल स्कोर भी प्रभावित होता है और वह डिफाल्टर हो जाता है। ऐसे में वित्तीय योजना बना कर कर्ज से मुक्ति पाने का प्रयास करना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. कर्जदार को खर्चों पर करना चाहिए कंट्रोल
  2. जरूरत न पड़ने पर नहीं लेना चाहिए कर्ज
  3. कर्ज न चुनाने पर हो सकते हैं डिफॉल्टर

Loan Tips बिजनेस डेस्क, इंदौर। कई बार लोग मजबूरी अथवा दिखावे के चक्कर में मोटा लोन ले लेते हैं। खास तौर पर एक-दूसरे से होड़ करने के चक्कर में लोग बचत पर ध्‍यान नहीं देते और बिना हिसाब-किताब के नए-नए लोन लेने लगते हैं, जिससे न सिर्फ कर्ज को बोझ बढ़ जाता है, बल्कि कर्ज लेने वाले व्‍यक्ति को मानसिक तनाव से भी गुजरता पड़ता है। हालांकि, कुछ सावधानियां रखी जाए और वित्तीय योजना पर ध्यान दें तो कर्ज के जंजाल से मुक्ति मिल सकती है। 

अधिक कर्ज होने पर क्‍या करें

कर्ज की सूची बनाएं

कर्ज मुक्ति के लिए कर्जदार को चाहिए कि वह अपने सभी कर्जों को उनकी ब्याज दर के अनुसार लिख ले। इनमें ऊंची ब्याज़ दर वाले कर्ज को सबसे ऊपर लिखें, जैसे कि क्रेडिट कार्ड,पर्सनल लोन आदि और यह भी तय करें कि आपको इन सभी कर्ज को निपटाने के लिए हर माह कितनी राशि का भुगतान करना होगा। इसके आधार पर ही आप अन्‍य खर्चा करें।

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कम खर्च करें

कर्जदार को खर्चों पर बहुत ध्‍यान देना च‍ाहिए। उन जगहों पर खर्च करने से बचें जिनकी जयरत है ही नहीं। ऐसे खर्चों की बचत को ऊंची ब्याज दर वाले कर्ज को चुकाने में प्रयोग किया जा सकता है।

नया कर्ज लेने से बचें

जब तक आवश्यक ना हो नए कर्ज लेने से बचना चाहिए, हम सामान्य तौर पर देखते हैं कि आज कल इएमआई पर चीजों को खरीदने का चलन बढ़ता जा रहा है, ऐसे में अपनी आय के हिसाब से ही कर्ज लें।

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आय के स्रोत बढ़ाएं

ऊंची ब्याज दर वाले कर्ज को चुकाने के लिए आपको आय के नए स्रोत ढूंढना चाहिए। आप चाहें तो फ्रीलांस काम भी कर सकते हैं।

अनावश्यक चीजें बेचें

आप अपने घर में देखेंगे कि आस पास ऐसी बहुत सी वस्तुएं पड़ी हैं जिन्‍हें आपने लंबे समय से उपयोग नहीं किया है और उनकी वैल्यू में कमी आ रही है। जैसे पुराने मोबाईल, फर्नीचर और पुरानी गाड़ी। इसे बेच कर जो पैसा आये उसे ऐसे ऊंची ब्याज दर वाले ऋण को चुकाने में प्रयोग कर सकते हैं।

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