इसी तरह जब पृथ्वी पर पाप, अत्याचार और अधर्म अपने चरम पर पहुंच जाएंगे, तब भगवान गणेश मनुष्यों को धर्म का मार्ग दिखाने के लिए अवतार लेंगे।
पहले भी अवतार ले चुके हैं भगवान गणेश
- पुराणों के अनुसार, जब पृथ्वी पर कलयुग अपने चरम पर होगा और हर तरफ बुराई का साम्राज्य होगा, तब गणपति जी पृथ्वी पर अवतरित होंगे।
- इससे पहले भी भगवान गणेश कई अवतार ले चुके हैं। वे हर युग में अवतरित हुए हैं और उन्होंने दुष्टों का नाश किया है।
- सतयुग में वे महोत्कट विनायक के रूप में प्रकट हुए, त्रेतायुग में वे मयूरेश्वर के नाम से जाने गए और द्वापर युग में वे शिवपुत्र गजानन के नाम से जाने गए।
अन्याय का नाश करने के लिए जन्म लेंगे भगवान गणेश
गणेश पुराण में वर्णन किया गया है कि जब ब्राह्मणों का मन वेदाध्ययन की बजाय अन्य कार्यों में लगने लगेगा। जब वे तप, यज्ञ और शुभ कर्म करना बंद कर देते हैं। जब लोग बारिश न होने के कारण नदी के किनारे खेती करने लगेंगे, तब भगवान गणेश कलयुग में अवतार लेंगे। जब लोग लालच के कारण एक-दूसरे को धोखा देने से नहीं हिचकिचाएंगे।
विद्वान और धार्मिक लोग भी लोभ के कारण धन कमाने के प्रयास में मूर्ख बन जाएंगे। उनके पास जो कुछ भी है वह भी खो जायेगा। जब लोग पराई स्त्रियों पर बुरी नजर रखेंगे और ताकतवर लोग कमजोर को परेशान करेंगे, तब इस धरती से अन्याय का नाश करने के लिए भगवान गणेश का जन्म होगा।
जब कलयुग में लोग धर्म का मार्ग छोड़कर अधर्म के मार्ग पर चलने लगेंगे या लोग अपने लालच को पूरा करने के लिए देवताओं की जगह आसुरी शक्तियों की पूजा करने लगेंगे। ब्राह्मण अपने अच्छे कर्म छोड़कर लालच के कारण अपना पेट भरने लगेंगे।
‘धूम्रकेतु’ रूप में अवतार लेंगे गणेश जी
जब वैश्य समाज के लोग मेहनत से धन कमाने की बजाय बुरे आचरण से धन कमाने लगेंगे, स्त्रियां अपने पति की भक्ति छोड़कर पाप का मार्ग अपना लेंगी। लोग अपने माता-पिता और बड़ों का अपमान करने लगेंगे, ऐसे में भगवान गणेश को धरती पर आना होगा और अवतार लेना होगा।
कलयुग में भगवान गणेश के अवतार को ‘धूम्रकेतु’ कहा जाएगा। भगवान गजानन इस अवतार में लोगों को ज्ञान देने और कलयुगी समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए अवतरित होंगे। यह भविष्यवाणी गणेश पुराण में की गई है।
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