छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का असर, दंतेवाड़ा में दो इनामी सहित तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर
छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 189 इनामी नक्सली सहित कुल 848 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।
HIGHLIGHTS
- हिंसा की राह छोड़कर लोकतंत्र और संविधान में जताया विश्वास।
- आत्मसमर्पित सरेंडर कोंटा एवं कटेकल्याण एरिया कमेटी में थे सक्रिय।
- आत्मसमर्पित नक्सली बैनर पोस्टर लगाने सहित कई घटनाओं में थे शामिल।
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन के तहत सुरक्षा बलों को एक बार फिर बड़ी कामयाबी मिली है। दंतेवाड़ा में तीन नक्सलियों ने सुरक्षा बल के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें दो इनामी नक्सलियों पर एक-एक लाख का इनाम घोषित था।
दंतेवाड़ा पुलिस ने बताया कि नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज के मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प करके तीन नक्सलियों ने लाल आतंक से मुंह मोड़ कर आत्मसमर्पण कर दिया है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों में मेहता आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष कुंजामी मुका, मेहता आरपीसी मिलिशिया कमाण्डर माड़वी मुया के साथ जियाकोड़ता आरपीसी सीएनएम सदस्य गुड्डी करटाम शामिल है। तीनों नक्सली लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान से भी प्रभावित थे।
सरेंडर कर चुके नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुनर्वास योजना के तहत इनामी राशि के अतिरिक्त 25-25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि एवं शासन की पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा। बतादें कि लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 189 इनामी नक्सली सहित कुल 848 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।