रायपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी को बिना आदेश छोड़ा, लापरवाही पर उप जेल अधीक्षक समेत तीन को नोटिस
रायपुर सेंट्रल जेल के अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सरकार की अनुमति के बिना उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी को रिहा कर दिया गया। इसकी जानकारी मिलते ही जेल में हड़कंप मच गया। हत्या के आरोप में आरोपित को उम्रकैद की सजा मिली थी।
HIGHLIGHTS
- कैदी की सजा माफी का प्रस्ताव राज्य सरकार ने कर दिया था खारिज।
- जमीन विवाद में हत्या मामले में आरोपित को मिली थी उम्रकैद की सजा।
- अधिकारियों की लापरवाही से कैदी को कर दिया गया था जेल से रिहा।
रायपुर। रायपुर की सेंट्रल जेल में हत्या के मामले में बंद कैदी महावीर सतनामी को बिना आदेश के रिहा करने के मामले में जेल अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अब मामले की जांच शुरू कर दी गई है। तीन अफसरों को नोटिस भेजा गया है। सहायक जेल अधीक्षक खुशबू मिश्रा, उप जेल अधीक्षक मोखनाथ प्रधान और प्रधान प्रहरी लेखराम ध्रुव को नोटिस भेजा गया है। जेल अधीक्षक ने नोटिस में लापरवाही के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।
यह है पूरा मामला
1998 में गिरौदपुरी के मड़वा गांव में जमीन विवाद को लेकर हत्या हुई। इस मामले में महावीर सतनामी समेत कई लोग आरोपित बनाए गए थे। लंबी सुनवाई के बाद महावीर सतनामी को उम्रकैद की सजा मिली थी। वह पिछले 14 वर्षों से जेल में था। जेल में अच्छे आचरण के लिए जेल प्रशासन द्वारा उसे रिहा करने के लिए अनुमोदन किया गया था।
बताया जा रहा है कि जब लेटर वापस आया तो उसमें लिखा था, रिहा नहीं किया जा सकता। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से उसे चार जून को जेल से रिहा कर दिया गया। गलती पता चलने पर उसे 12 जून को उसके गांव से फिर लाकर जेल भेज दिया गया।
रायपुर सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने कहा, मामले की जांच शुरू कर दी गई है। लापरवाही बरतने वाले आधिकारियों को नोटिस भेजा गया है। जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।