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Ashadha Gupt Navratri 2024: जानें कब मनाई जाएगी गुप्त नवरात्रि की अष्टमी, ऐसे करें मां दुर्गा को प्रसन्न

हिंदू धर्म के अनुसार मां दुर्गा नवरात्रि के दौरान भक्तों के मनोरथ पूरे करने के लिए धरती पर आती है। इस दौरान मां दुर्गा का पूजन करने और उनके निमित्त व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दौरान साधक सिद्धि पाने के लिए भी विशेष पूजन करते हैं।

HIGHLIGHTS

  1. हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का है विशेष महत्व
  2. 13 जुलाई से शुरू होगी आषाढ़ अष्टमी तिथि
  3. मां दुर्गा का पूजन करना माना गया है शुभ

Ashadha Gupt Navratri 2024 धर्म डेस्क, इंदौर। इन दिनों गुप्त नवरात्रि चल रही है। इस दौरान मां दुर्गा के पूजन का विशेष महत्व है, साथ ही साधक सिद्धि पाने के लिए व्रत रखते हैं। इससे मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। इससे न सिर्फ शुभ फलों की प्राप्ति होती है, बल्कि भक्तों पर आने वाले संकट भी टल जाते हैं और उनके यश और सम्मान में वृद्धि होती है। यहां आपको गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि बताते हैं।

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अष्टमी शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि की शुरुआत 13 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 5 मिनट पर होगी और अगले दिन शाम 5 बजकर 52 मिनट पर इसका समापन होगी। उदयाकाल के अनुसार अष्टमी तिथि 14 जुलाई को ही मनाई जाएगी।

ऐसे करें मां दुर्गा का पूजन

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि व नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं।
  • अष्टमी पर लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है।
  • पूजा स्थल पर चौकी लगाएं अथवा लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
  • चौकी पर मां दुर्गा की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करें।
  • मां दुर्गा को लाल फूल, फल और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
  • मां दुर्गा को हलवा-पूरी और श्रीफल का भोग लगाना चाहिए।
  • पूजा के समय दुर्गा चालीसा का पाठ करना शुभ माना गया है।
  • पूजा के समापन के बाद परिवार सहित मां दुर्गा की आरती करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

 

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