नगरीय निकाय चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस में फेरबदल की सुगबुगाहट, भूपेश को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पार्टी की 9 और 10 जुलाई की बैठक को महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें संगठन में बदलाव सहित अन्य प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी। नगरीय निकाय चुनाव के साथ ही रायपुर दक्षिण के उपचुनाव को कांग्रेस प्रत्याशी पर भी बात होगी।
HIGHLIGHTS
- नई दिल्ली से लौटे दीपक बैज, प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट से कई विषयों पर हुई चर्चा।
- प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पार्टी की नौ और 10 जुलाई को होगी महत्वपूर्ण बैठक।
- निकाय चुनाव के साथ रायपुर दक्षिण के उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी पर भी होगी बात।
रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस का जल्द ही पुनर्गठन किया जा सकता है। नगरीय निकाय चुनाव से पहले ब्लाक स्तर से लेकर जिलाध्यक्ष व प्रदेश स्तर के संगठन में बदलाव के संकेत मिले हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मोहन मरकाम को मंत्री बनाने के बाद पूर्व सांसद दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
बैज ने इक्का-दुक्का ही बदलाव किया और मोहन मरकाम की टीम अभी भी संगठन में कार्यरत है। ऐसे में जल्द ही कांग्रेस के संगठन में बदलाव हो सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस राष्ट्रीय संगठन में शामिल कर सकती है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भूपेश को बड़ी जिम्मेदारी देने के संकेत हैं।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि आठ जुलाई को कांग्रेस के सीनियर नेताओं के साथ बैठक होगी। नौ व 10 जुलाई को संगठन स्तर पर रणनीति, नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां व आवश्यक बदलाव पर चर्चा होगी। संगठनात्मक स्तर पर जरूरी परिवर्तन को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट से चर्चा हुई है।
दो दिन की महत्वपूर्ण बैठक
प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पार्टी की नौ और 10 जुलाई की बैठक को महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें संगठन में बदलाव सहित अन्य प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी। नगरीय निकाय चुनाव के साथ ही रायपुर दक्षिण के उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी पर भी बात होगी। नौ जुलाई को वरिष्ठ नेताओं और जिला अध्यक्षों की बैठक होगी, जबकि 10 जुलाई को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर चर्चा होगी। बैज ने कहा कि जो पद खाली हैं, उनमें भी नियुक्ति को लेकर इसी बैठक में चर्चा की जाएगी।
जिम्मेदारों पर हार की जिम्मेदारी तय होगी
विधानसभा-लोकसभा में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद जिम्मेदारों पर हार की जिम्मेदारी तय होगी। इसमें जिला प्रभारियों से लेकर अलग-अलग समितियों की संयोजकों पर भी गाज गिर सकती है।
वर्ष 2018 में 90 में से 69 सीट जीतकर सत्ता में आई कांग्रेस दिसंबर-2023 विधानसभा चुनाव में धराशायी हो गई। कांग्रेस को सिर्फ 35 सीट से संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता गंवाने के बाद लोकसभा में भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। 2019 में दो सीट जीतने वाली कांग्रेस 2024 के चुनाव में सिर्फ एक सीट पर सिमट गई।
फैक्ट फाइडिंग कमेटी के सामने विवाद से खुली पोल
कांग्रेस के भीतर सब-कुछ ठीक नहीं होने की पोल भी खुल गई है। नईदिल्ली से हार के कारणों की पड़ताल करने पहुंची फैक्ट फाइडिंग टीम के सामने पदाधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप से नईदिल्ली की टीम भी वाकिफ हो गई। टीम ने प्रदेश में 28 जून से एक जुलाई तक पांच संभागों का दौरा किया। दौरे के दौरान एक-एक गतिविधियों की रिपोर्ट एआइसीसी को सौंपी जाएगी।