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रोजनामचा: तुम डाल-डाल, हम पात-पात, जहां चाह, वहां राह

शहर में पुलिस और अपराधियों का मामला तुम डाल-डाल हम पात-पात वाला होते दिख रहा है। एक तरफ पुलिस आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई का ढोल पीटते दिखाई दे रही है, वहीं चाकूबाजी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

 बिलासपुर (सरफराज मेमन  शहर में पुलिस और अपराधियों का मामला तुम डाल-डाल हम पात-पात वाला होते दिख रहा है। एक तरफ पुलिस आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई का ढोल पीटते दिखाई दे रही है, वहीं चाकूबाजी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। गांव से लेकर शहर तक कब कहां पर चाकू चल जाए कोई भरोसा नहीं। बदमाश चाकू की नोक पर लूटपाट कर रहे हैं। इधर पुलिस पता नहीं किन लोगों को धारदार हथियार के साथ पकड़कर खुद की पीठ थपथपा रही है। अपराधियों का बोलबाला इस कदर बढ़ चुका है कि पुलिस पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। जवान पीटे जा रहे हैं। इधर साहब की टेबल तक आल इज वेल का ही मैसेज जा रहा है। पता कौन खबरी है जो साहब को रंगीन चश्मा रोज पहना रहा है। जो साहब को इतना सब होता ना तो दिखाई दे रहा है, ना ही सुनाई दे रहा है।

जहां चाह, वहां राह

पिछली सरकार पर आरोप लगाने वाले अब सत्ता संभाल रहे हैं। जिस शराब कारोबार को लेकर विपक्ष में रहते भ्रष्टाचार का गढ़ बताते रहे उसे मुखिया ने अपने पास रख लिया। अब जहां मुखिया की सीधी दखल हो वहां कोई क्या कर लेगा। लेकिन कहते हैं ना जहां चाह वहां राह। मुखिया को पता नहीं किसने हेंडल कर लिया, सब कुछ सेंट्रालाइज्ड होने लगा। इधर मुखिया हो भनक ही नहीं बड़े खिलाड़ी मैदान में उतर आए हैं। छुटभैये अपना जुगाड़ बनाने हाथ पांव मार रहे हैं। उधर बड़े खिलाड़ियों ने गोटियां फीट कर ली है। पूरे प्रदेश में सरकारी के साथ ही प्राइवेट दुकाने खुलने लगी है। इसमें किसका कितना कट होगा यह भी तय है। बताया जाता है कि पुराने खिलाड़ियों ने ही पूरा मामला सेट किया हुआ है। अब मुखिया को इसकी भनक है भी कि नहीं जल्दी ही पता भी चल जाएगा।

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