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ATR Chhattisgarh: शिवतराई में सोविनियर शॉप ने बदली एटीआर की महिलाओं की तकदीर

चक्रीय निधि से 10 लाख ऋण देकर प्रबंधन ने खुलवाया शॉप, अचानकमार टाइगर रिजर्व में बसे गांव शिवतराई में सोविनियर शाप खुला है। पर्यटकों से बेहतर रिस्पांस मिले इसके लिए शॉप के अंदर काउंटर, रैक व सामान खरीदी जाएगी। महिलाओं ने सात लाख रुपये से वह सभी सामान खरीदे, जो पर्यटकों को पसंद आ सकते थे। इसमें टोपी, टी- शर्ट, जैकेट, चाबी रिंग, साज- सज्जा के सामान है।

HIGHLIGHTS

  1. सात लाख के सामान की खरीदी, पांच लाख बिक्री, आमदनी सवा लाख
  2. उपशाखा अचानकमार में
  3. औषधियां भी अब बिकने लगीं

बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व में बसे गांवों की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बेहतर प्रबंध किया गया है। एटीआर प्रबंधन ने उनके लिए शिवतराई में सोविनियर शॉप खुलवाया है। पर्यटक यहां अलग- अलग तरह के सामान की खरीदी कर टाइगर रिजर्व की निशानी साथ लेकर जाते हैं। इससे आम महिलाओं को आमदनी भी होने लगी है। हालांकि अभी यह बेहद कम है। लेकिन, आने वाले दिनों में उनकी आय का यह बड़ा जरिया होगा।

प्रबंधन ने यह पहल इसलिए की है, क्योंकि पर्यटक जब टाइगर रिजर्व सैर करने के लिए पहुंचते हैं तो साथ में यहां की निशानी भी लेकर जाते हैं। निशानी की तौर पर कोई टी- शर्ट तो कोई कैप खरीदता है। इसके अलावा कई ऐसी सामग्रियां हैं। देश के अलग-अलग टाइगर रिजर्व में भी इस तरह के शाप हैं।

प्रबंधन ने माना कि यदि अचानकमार में भी ऐसा शॉप खुलता है तो पर्यटकों से बेहतर रिस्पांस मिलेगा। इसके अलावा टाइगर रिजर्व में रहने वाली महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। शॉप खोलने की योजना तैयार होने के साथ ही इसके संचालन की जिम्मेदारी सिवलखार सदासुहागिन महिला समूह को सौंपी गई। महिलाओं ने हिम्मत दिखाई और अपनी सहमति दी।
अब बात शॉप के सेटअप व ब्रिकी के लिए सामान की आई तो प्रबंधन ने यह निर्णय लिया कि इस समूह को टाइगर रिजर्व की चक्रीय निधि से 10 लाख रुपये की मदद की जाएगी। इस राशि से शॉप के अंदर काउंटर, रैक व सामान खरीदी जाएगी। महिलाओं ने सात लाख रुपये से वह सभी सामान खरीदे, जो पर्यटकों को पसंद आ सकते थे। इसमें टोपी, टी- शर्ट, जैकेट, चाबी रिंग, साज- सज्जा के सामान।
हालांकि इस शॉप को अस्तित्व में सालभर भी नहीं हुआ। लेकिन, इसे पर्यटकों से रिस्पांस मिलने लगा है। महिलाएं अब मन लगाकर काम कर रही हैं और पूरा समय इस शॉप की बेहतरी के लिए देती हैं। प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। आने वाले दिनों में पर्यटक इस शॉप से सामान खरीदना पसंद करेंगे।
सात लाख के सामान की खरीदी, पांच लाख बिक्री, आमदनी सवा लाख
सोविनियर शॉप के अस्तित्व में आने के बाद से लेकर अब तक पांच लाख रुपये की बिक्री हो चुकी है। इस बिक्री से समूह को सवा लाख रुपये की आमदनी हुई है। आने वाले दिनों में जब शॉप में सामान की वेरायटी बढ़ेगी तो पर्यटक भी बढ़ेंगे।
उपशाखा अचानकमार में
पर्यटकों के बीच लोकप्रियता ही है कि प्रबंधन को सोविनियर शाप की एक उप शाखा अचानकमार में खोलना पड़ा। यहां संचालित शाप की जिम्मेदारी मां शारदा स्वसहायता समूह को दी गई है। यह शॉप उस जगह पर है, जहां से सफारी की बुकिंग होती है। धीरे-धीरे शाखाएं बढ़ेंगी और प्रयास रहेगा कि हर गांव की महिलाएं समूह बनाकर इस रोजगार से जुड़ सकें।
औषधियां भी अब बिकने लगीं
सोविनियर शॉप को उपयोगी बनाने के लिए एक नई शुरुआत की गई है। इसके तहत संजीवनी मार्ट में बिकने वाली वनौषधियां, शहद, जामुन रस जैसी सामग्रियां भी यहां बिक रही हैं। मार्ट के माध्यम से यहां सामान का स्टाक भरा गया है। पर्यटकों को सबसे ज्यादा शहद पसंद आती है।
 
प्रतिमाह तीन-तीन हजार रुपये मानदेय
 
सोविनियर शॉप नया है और अभी-अभी महिलाएं इससे जुड़ी हैं। यहां उतनी आवक नहीं है। इसलिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन महिलाओं को प्रतिमाह तीन-तीन हजार रुपये मानदेय उपलब्ध कराता है, ताकि महिलाओं को आर्थिक मदद मिलती रहे और वह मन लगाकर इस रोजगार से जुड़ी रहें। समूह में 10 महिलाएं हैं, जिनमें से तीन महिलाएं ही शाप का संचालन करती हैं। इसलिए मानदेय इन्हें ही दिया जा रहा है।

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