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AU Bilaspur: सही शोध पद्धति के बिना किसी भी शोध का मूल्यांकन करना कठिन कुलपति वाजपेयी

इस तरह के आयोजन से विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा और नए अनुसंधानकर्ताओं को उत्कृष्ट मार्गदर्शन मिलेगा। यह कार्यशाला 18 जून तक चलेगा।

HIGHLIGHTS

  1. अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में कार्यशाला।
  2. 19 विषयों में 268 शोधार्थियों ने लिया भाग।
  3. 268 छात्रों ने इस कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी दिखाई और अपने-अपने विषयों में गहन अध्ययन किया।
बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में एक उत्कृष्ट रिसर्च मैथोडोलाजी कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 268 शोधार्थियों ने प्रतिभागी के रूप में भाग लिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को शोध कार्यों में उपयोगी तकनीकों और विधियों के बारे में जागरूक करना था। मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने कार्यशाला का उद्घाटन किया और छात्रों को संबोधित किया।
अपने उद्बोधन में कुलपति ने छात्रों को अनुसंधान के महत्व और उसकी विधियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, रिसर्च मैथोडोलाजी किसी भी शोध का आधार होती है। एक मजबूत और व्यवस्थित शोध पद्धति के माध्यम से हम उच्च गुणवत्ता के परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। कुलपति वाजपेयी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, आप सभी इस कार्यशाला के माध्यम से जो ज्ञान प्राप्त करेंगे, वह आपके शोध कार्यों में मील का पत्थर साबित होगा। सही शोध पद्धति के बिना किसी भी शोध का मूल्यांकन करना कठिन होता है।

कार्यशाला में छात्रों को विभिन्न शोध विधियों जैसे कि गुणात्मक और मात्रात्मक अनुसंधान, डेटा संग्रहण और विश्लेषण, साहित्य समीक्षा, शोध प्रपत्र लेखन और प्रकाशन आदि पर विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने प्रायोगिक सत्रों के माध्यम से छात्रों को वास्तविक समय में शोध करने की प्रक्रिया को समझाया और उन्हें शोध के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के उपाय भी बताए।

268 छात्रों ने इस कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी दिखाई और अपने-अपने विषयों में गहन अध्ययन किया। छात्रों ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें इससे बहुत कुछ सीखने को मिला और यह उनके शोध कार्यों में सहायक सिद्ध होगा। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह कार्यशाला छात्रों के लिए न केवल शिक्षाप्रद रही, बल्कि उन्हें अपने शोध कार्यों को अधिक प्रभावी और व्यवस्थित ढंग से करने के लिए प्रेरित भी किया। इस तरह के आयोजन से विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा और नए अनुसंधानकर्ताओं को उत्कृष्ट मार्गदर्शन मिलेगा। यह कार्यशाला 18 जून तक चलेगा।

इनकी रही उपस्थिति

कुलसचिव शैलेंद्र दुबे, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा.एचएस होता, सह-संयोजक डा.सुमोना भट्टाचार्य, रेवा कुलश्रेष्ठ उपस्थित थे। विभिन्न शोध केंद्रों में 19 विभिन्न विषयों में पीएचडी के लिए प्रवेश लिया है। कार्यशाला में प्रदेश तथा देश के विभिन्न विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ अपना व्याख्यान आफलाइन माध्यम देंगे तथा प्रयोगात्मक कक्षाएं भी लगाई जाएगी। रिसर्च मैथेडोलाजी संबंधित पाठ्यक्रम के समस्त बिंदुओं को दो सप्ताह में पूर्ण किया जाएगा। प्रत्येक दिवस छह घंटे की प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।

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