हरियाणा में भी मुश्किल में कांग्रेस: दलित चेहरे कुमारी शैलजा की इस्तीफे की पेशकश, हाईकमान सतर्क
नई दिल्ली. पड़ोसी राज्य पंजाब की तरह ही हरियाणा कांग्रेस में भी बवाल कम होता नहीं दिख रहा है। पंजाब में अमरिंदर राजा वारिंग को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब हरियाणा में भी कांग्रेस बदलाव की ओर बढ़ती दिख रही है। लेकिन इससे पहले बड़ा बवाल भी होने की आशंका है। हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने अपने पद से इस्तीफा देने का प्रस्ताव सोनिया गांधी को दिया है। शनिवार को पार्टी सुप्रीमो से मुलाकात में उन्होंने यह ऑफर दिया है। उनकी ओर से यह बात ऐसे समय में कही गई है, जब पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा लगातार बदलाव की मांग कर रहे हैं। दरअसल प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी वह अपने खेमे के किसी व्यक्ति को देना चाहते हैं।
गांधी परिवार पर भूपिंदर सिंह हुड्डा लंबे समय से दबाव बनाते रहे हैं कि लीडरशिप में बदलाव होना चाहिए। कुमारी शैलजा या कांग्रेस हाईकमान की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन विवाद निपटाने को लेकर मंथन जारी है। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व इस बात को लेकर चिंतित भी है कि कुमारी शैलजा दलित समुदाय से आती हैं और महिला नेता हैं। यदि उन्हें हटाया जाएगा तो पार्टी पर विरोधी दल दलितों की उपेक्षा का आरोप भी लगा सकते हैं। खासतौर पर ऐसे वक्त में यह आरोप और भी पुख्ता होने का डर है, जब पंजाब में सुनील जाखड़ जैसे नेता दलित लीडर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाए जाने पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
हालांकि दूसरी तरफ उसके सामने संकट यह है कि भूपिंदर सिंह हुड्डा जाट नेता के तौर पर पहचान रखते हैं और वह लगातार कुमारी शैलजा के खिलाफ अभियान चलाए हुए हैं। उनकी राय है कि भाजपा सरकार में जाट नेतृत्व को जगह नहीं दी गई है, ऐसे में उन्हें मौका देकर उसे जवाब दिया जा सकता है। दूसरी तरफ कुमारी शैलजा ने भी प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए जमीनी तौर पर सक्रियता दिखाई है। खासतौर पर दलितों और महिलाओं के बीच उनकी पकड़ बताई जाती है। ऐसे में किसी भी वर्ग को नाराज न करते हुए लीडरशिप में चेंज करना कांग्रेस के लिए चुनौती है। अहम बात यह है कि यदि शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष से हटा दिया जाता है तो फिर उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जाएगी।
मायावती के बयान के बाद से और सतर्क है कांग्रेस
राहुल गांधी ने पिछले दिनों कहा था कि मायावती को कांग्रेस ने सीएम फेस बनाने का ऑफर दिया था। इसके बाद मायावती ने उन पर अटैक करते हुए कांग्रेस पर ही दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया था। उनके इस आरोप के ठीक बाद कुमारी शैलजा को पद से हटाया जाना कांग्रेस के लिए मुश्किल साबित हो सकता है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले एक मीटिंग में कुमारी शैलजा ने कहा था कि हाईकमान उन्हें सशक्त करने में नाकामयाब रहा है, जबकि उनको दलित और महिला प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता रहा है। इस मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद थे।