CG Inflation Rate: 200 रुपये के करीब पहुंची राहर दाल, माह भर में 10 रुपये किलो की तेजी
कारोबारियों का कहना है कि राहर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण है, इसकी कमजोर आवक और आवक की तुलना में मांग अधिक बनी हुई है। आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और तेजी की संभावना है। इस प्रकार से दो माह में राहर दाल 20 रुपये किलो महंगा गया है।
HIGHLIGHTS
- महंगाई की आग में नहीं गल रही राहर दाल
- माहीने भर में 10 रुपये किलो की आई तेजी
- 195 रुपये तक पहुंची कीमत
कारोबारियों का कहना है कि राहर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण है, इसकी कमजोर आवक और आवक की तुलना में मांग अधिक बनी हुई है। आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और तेजी की संभावना है। इस प्रकार से दो माह में राहर दाल 20 रुपये किलो महंगा गया है।
कारोबारियों का कहना है कि आवक में सुधार होने पर ही दाल की कीमतों में थोड़ी गिरावट आएगी। राहर दाल के साथ ही अन्य दाल की कीमतों में थोड़ी राहत है। चावल की कीमतों में इन दिनों स्थिरता बन हुई है।
जीरे के कीमतों में आई गिरावट
आवक की कमी के चलते लगातार बढ़ने वाले जीरे की कीमतों में अब सुधार है और माह भर में ही जीरे की कीमतों में 350 रुपये किलो की गिरावट आ गई है तथा अनाज बाजार में जीरा 350 से 450 रुपये किलो पहुंच गया है।
व्यापारियों का कहना है कि पिछले दिनों आवक कमजोर थी, लेकिन अब मंडियों में जीरे की बंपर आवक शुरू हो गई है। इसके चलते ही भाव आधे हो गए है। नई फसल से आवक शुरू होने के कारण जीरे की कीमतों में गिरावट है।
हल्दी के बढ़े दाम
एक ओर जहां जीरे की कीमतों में गिरावट आ गई है। वहीं दूसरी ओर हल्की के भाव तेज होने लगी है। 100 से 250 रुपये किलो तक बिकने वाली हल्दी इन दिनों 300 रुपये किलो बिक रही है। बताया जा रहा है कि हल्दी की फसल इस साल कमजोर है और उसका असर ही कीमतों में देखने को मिला है।