Bilaspur News: जल है तो कल है, “तरिया” संवारने घर से निकली बेटियां
ग्राम बिरकोना के बड़ी संख्या में बेटियों ने इसमें सहभागिता दी। ग्रामीणों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया। ग्राम के नागरिक उपस्थित होकर स्वच्छता अभियान में सतत सहभागिता सुनिश्चित किया गया तथा स्वच्छता की शपथ ली।
HIGHLIGHTS
- गांव से पहुंची बेटियां
- रासेयो का तरिया उत्थान अभियान सफल।
- जल संकट से निपटने बता रहीं उपाय।
जिससे जल स्रोत सुरक्षित हो सके। वर्तमान समय में जल स्रोत नीचे स्तर तक जा रहा है जिस वजह से लोगों को पेयजल तथा अन्य प्रकार के उपभोग के लिए जल की समस्या बनी हुई है। राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. मनोज सिन्हा के मार्गदर्शन में लगातार जल स्रोतों को बचाने के लिए विभिन्न महाविद्यालय के स्वयंसेवक तथा कार्यक्रम अधिकारियों के द्वारा विविध जन जागरूकता, सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
आज के इस अभियान में जिला संगठन कांति आंचल, रेखा गुल्ला, डा.अलका यतींद्र यादव, सहायक प्राध्यापक, जोन कमिश्नर प्रवीण शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी यूपेश कुमार डीपी विप्र महाविद्यालय कार्यक्रम शत्रुघ्न घृतलहरे, मोना केंवट पीएनएस महाविद्यालय, विभांशु अवस्थी डीपी विप्र ला महाविद्यालय, प्रियंवदा पाडेय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरकंडा स्वयंसेवक अंजलि ध्रुव, अजय बंजारे, राजकुमार, विकास, गौतम, संध्या साहू, बनिता प्रधान, बलराम तुषार कुर्रे उपस्थित थे।
गांव से पहुंची बेटियां
ग्राम बिरकोना के बड़ी संख्या में बेटियों ने इसमें सहभागिता दी। ग्रामीणों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया। ग्राम के नागरिक उपस्थित होकर स्वच्छता अभियान में सतत सहभागिता सुनिश्चित किया गया तथा स्वच्छता की शपथ ली। आसपास के जल स्रोतों को संरक्षित रखने के लिए भरसक प्रयास करने संकल्प लिया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से निधि शर्मा, अजय, सूरज, मोनिका, अंशुमन उपस्थित थे।
तालाब में न करें गंदगी
एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी मोना केंवट ने कहा कि तालाब में सुधार की आवश्यकता है, जैसे कूड़ा-कचरा या पौधे हटाना। तो शायद आप और कुछ दोस्त या परिवार इसका नवीनीकरण करने का प्रयास कर सकते हैं। पेशेवर संगठनों से तालाब प्रबंधन पर सलाह और सहायता मांगना सबसे अच्छा है। पानी साफ रहना चाहिए। जीवित और मृत जीवों के प्राकृतिक अपशिष्ट को बैक्टीरिया नामक विशेष छोटे जीवों द्वारा पुनर्चक्रित किया जाता है।