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RDA Update: पांच वर्ष में बदले 8 सीईओ, 9000 मकानों का निर्माण चार साल पिछड़ने से उपभोक्ताओं पर बढ़ा बोझ

HIGHLIGHTS

  1. – उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ा, निर्धारित शुल्क से 25 से 35 प्रतिशत का भार
  2. – बहुत से उपभोक्ता कोर्ट जाने की तैयारी में

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। बीते पांच वर्षों में रायपुर विकास प्राधिकरण (RDA) में आठ सीईओ बदल चुके है और इसका असर यह देखने को मिला है कि वर्ष 2020-21तक विभिन्न प्रोजेक्टों में पूरे होने वाले 9000 फ्लैटों के निर्माण में लेटलतीफी हुई है। फ्लैट में लेटलतीफी का असर यह हुआ है कि उपभोक्ताओं पर इसका बोझ पूरी तरह से बढ़ गया है और अब उन्हें 25 से 35 प्रतिशत तक ज्यादा शुल्क देना पड़ रहा है। बहुत से उपभोक्ताओं को तो अभी तक उनका आशियाना भी नहीं मिल पाया है और वे कोर्ट की शरण में जाने को तैयार है।

जानकारी के अनुसार रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) में कमल विहार, इंद्रप्रस्थ और बोरिया खुर्द में विभिन्न रहवासी प्रोजेक्टों में करीब 9000 फ्लैटों का निर्माण होना था। वर्ष 2017-18 से ही इनकी बुकिंग शुरू हो गई थी और वर्ष 2020-21 तक पूरा भी हो जाना था, लेकिन अपने निर्धारित समय में फ्लैटों का निर्माण नहीं हो पाया और उपभोक्ताओं को उनके सपनों के आशियाने के लिए 25 से 35 प्रतिशत कीमत ज्यादा देनी पड़ रही है। साथ ही खास बात यह है कि उपभोक्ताओं को अभी तक उनका मकान नहीं मिल पाया है। अधिकारियों का कहना है कि अभी भी उन्हें मुख्य कार्यपालन अधिकारी चाहिए,जो जल्द से जल्द प्रोजेक्टों को पूरा करवाएं।

अधिकारियों का यह है कहना

आरडीए के अधिकारियों का कहना है कि इन प्रोजेक्टों में लेटलतीफी के पीछे मुख्य कारण यहां स्टाफ की कमी है। इसके साथ ही बीते कुछ वर्षों में यहां प्रोजेक्ट पूरा करने से कहीं ज्यादा ध्यान वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने में ही रहा। इसके चलते भी प्रोजेक्ट में देरी हुई।

इन्होंने यह कहा

मकान अभी तक नहीं मिला और कीमत भी बढ़ गई

कमल विहार से सेक्टर 11 में बन रहे प्रोजेक्ट में फ्लैट की बुकिंग कराने वाले देव्रत साहू ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2018 में यहां फ्लैट बुकिंग कराया था। अब तक उन्हें यह नहीं मिला है और कीमत 5.50 लाख से बढ़कर 8.50 लाख तक पहुंच गया है। अभी उन्हें किराये के मकान में रहना पड़ रहा है,वे इस मामले में रेरा में शिकायत की तैयारी कर रहे है।

निर्धारित कीमत से महंगा हो गया मकान

धनुर्धर पटेल ने बताया कि प्रोजेक्ट की लेटलतीफी के चलते उन्हें मिलने वाला मकान काफी महंगे में मिल रहा है। विभाग द्वारा की गई गलती की सजा उपभोक्ताओं को मिल रही है। विभाग ने अगर काम में थोड़ी भी तेजी दिखाई होती है तो उपभोक्ताओं को समय पर मकान मिलता और कीमत भी नहीं बढ़ती

नहीं मिल पाया मकान

विकास मिश्रा ने बताया कि कमल विहार सेक्टर 4 में उन्होंने वर्ष 2018 में फ्लैट बुक कराया था। पैसा जमा कराने के बाद के बाद भी अभी तक मकान नहीं मिल पाया है। बताया जा रहा है कि जितनी कीमत में फ्लैट मिलना था,अब उसकी कीमत भी 30 से 35 प्रतिशत ज्यादा हो गई है। विभाग द्वारा भी कोई संपर्क नहीं किया जा रहा है।

इस प्रकार रहा कार्यकाल

1. नरेंद्र शुक्ल का कार्यकाल 26 मार्च 2018 से लेकर 8 जुलाई 2019 तक रहा

2.प्रभात मलिक का कार्यकाल 8 जुलाई 2019 से लेकर 15 नवंबर 2019 तक रहा

3. भीम सिंह का कार्यकाल 16 नवंबर 2019 से लेकर 27 मई 2020 तक रहा

4.अय्याज तंबोली का कार्यकाल 29 मई 2020 से लेकर 13 सितंबर 2021 तक रहा

5.ऋतुराज रघुवंशी का कार्यकाल 14 सितंबर 2021 से लेकर 14 जनवरी 2022 तक रहा

6. अभिजीत सिंह का कायर्काल 15 जनवरी 2022 से लेकर 18 अप्रैल 2022 तक रहा

7. चंद्रकांत वर्मा का कार्यकाल 19 अप्रैल 2022 से लेकर 30 जून 2022 तक अच्छा रहा

8. धर्मेश कुमार साहू का कार्यकाल 1 जुलाई 2022 से शुरू हुआ, वर्तमान में यह पंजीयक महानिरीक्षक के पद पर है

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